नई दिल्ली, 02 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। कम वसा वाले शाकाहारी भोजन से न सिर्फ डायबिटीज नियंत्रित रह सकती है, बल्कि रोगी के लिए दिल के दौरे का जोखिम भी कम हो सकता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने फलों, सब्जियों, अनाज और बीन्स का भरपूर सेवन करने की सलाह दी है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि इन कम वसा वाले शाकाहारी आहार के जरिये टाइप 1 मधुमेह रोगियों में इंसुलिन की जरूरत कम हो सकती है।
अध्ययन में यह भी पाया कि पौधे आधारित आहार से शरीर के वजन में बदलाव किया है, जिसका सबसे बड़ा लाभ इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में देखा गया।
इसके अलावा, रोगी में ग्लाइसेमिक नियंत्रण या रक्त सीरम में ग्लूकोज के स्तर में भी सुधार देखा गया। इसका सीधा असर उनके हृदय पर हुआ है क्योंकि मधुमेह रोगियों में हृदय रोग का जोखिम भी रहता है।
*टाइप 1 मधुमेह ज्यादा परेशान करने वाला*
अध्ययन के निष्कर्ष क्लिनिकल डायबिटीज जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। अमेरिका में फिजिशियन कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन की क्लिनिकल रिसर्च निदेशक हाना काहलेओवा ने बताया कि टाइप 2 मधुमेह अधिक आम है, लेकिन टाइप 1 मधुमेह एक स्वप्रतिरक्षी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ अग्न्याशय पर हमला करती है। इससे इंसुलिन का उत्पादन करने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए रोगियों को नियमित रूप से इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है।
*इंसुलिन की जरूरत होगी कम*
हाना काहलेओवा के मुताबिक, इंसुलिन की कीमत कई लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हमारे शोध से पता चलता है कि कम वसा वाला शाकाहारी आहार जो कार्बोहाइड्रेट को प्रतिबंधित नहीं करता है, इंसुलिन की जरूरतों को कम करने, रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने और टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नुस्खा हो सकता है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |