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सीआर पाटिल बन सकते हैं राजस्थान भाजपा प्रभारी

गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बड़ी जिम्मेदारियों का तोहफा मिल सकता है।

नई दिल्ली, 16 मार्च  2023 (यूटीएन)। गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बड़ी जिम्मेदारियों का तोहफा मिल सकता है। उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान का प्रभारी बनाया जा सकता है। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को एतिहासिक बहुमत दिला चुके सीआर पाटिल के सामने राजस्थान में ‘वसुंधरा फैक्टर’ से निपटते हुए पार्टी को बड़ी जीत दिलाने की चुनौती होगी। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से इसकी सहमति मिल चुकी है और शीघ्र ही इसकी घोषणा की जा सकती है।
सीआर पाटिल को गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं के रूप में देखा जाता है। सूरत के नवसारी लोकसभा क्षेत्र से 2009 से लगातार रिकॉर्ड मतों से जीत चुके पाटिल को चुनावी रणनीति बनाने में माहिर समझा जाता है। पन्ना प्रमुखों को जिम्मेदारी देकर ‘हर बूथ पर जीत’ हासिल करने की भाजपा की माइक्रो लेवल की चुनावी रणनीति को सीआर पाटिल के दिमाग की ही उपज मानी जाती है। दिल्ली में हुई पार्टी की भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआर पाटिल के काम की खुलकर प्रशंसा की थी।
*गुटबाजी से निपटने की चुनौती*
राजस्थान में भाजपा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया स्वयं को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश कर रही हैं तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। राजस्थान भाजपा के कई गुटों को साथ लाकर चुनाव में जीत हासिल करना सीआर पाटिल के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है।  वहीं, चर्चा है कि राजस्थान के वर्तमान प्रभारी अरुण सिंह को इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। उनके पास कर्नाटक राज्य का अतिरिक्त प्रभार है और वे पार्टी में महासचिव के पद पर भी हैं। चार महत्त्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।
*कैसे बने मोदी के करीबी*
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, वे पूर्व केंद्रीय मंत्री काशीराम राणा का हाथ पकड़ कर राजनीति में आए थे। जब गुजरात में ‘केशूभाई पटेल बनाम नरेंद्र मोदी’ की राजनीति चली, पाटिल ने मोदी का दामन थाम लिया और उनके करीबियों में शामिल हो गये। जब नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय किया, उन्हें उनके लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया। यहां से शानदार जीत हासिल करने के बाद पाटिल प्रधानमंत्री के और ज्यादा करीबी और विश्वसनीय लोगों में शुमार हो गए। गुजरात विधानसभा चुनाव के पूर्व जब भाजपा ने राज्य के नेतृत्व में परिवर्तन किया, पाटिल को विजय रूपाणी के बाद अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन इस मामले में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेंद्र भाई पटेल पर भरोसा जताया।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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