नई दिल्ली, 06 मार्च 2023 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो
लिक्विड डीएपी उर्वरक को सरकार की मंजूरी के बाद रविवार को सराहना करते हुए कहा कि यह किसानों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम नरेंद्र मोदी ने यह बात रविवार को
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के एक ट्वीट के जवाब में दी।
मांडविया ने ट्वीट के माध्यम से नैनो लिक्विड डीएपी उर्वरक की शुरुआत के लिए सरकार की मंजूरी की घोषणा की थी। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा था कि सरकार ने किसानों के लाभ और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नैनो लिक्विड डीएपी
(डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है। सरकार द्वारा मंज़ूरी पर
मंडाविया के ट्वीट को टैग करते हुए।
पीएम मोदी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, हमारे
किसान भाइयों और बहनों के लिए जीवन आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम। एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन
राज्यमंत्री, श्रीपद नाईक के ट्वीट का जवाब देते हुए
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जलमार्ग-68 के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की, जिसने गोवा में पंजिम से वास्को के बीच की दूरी को 9 किमी और कम कर दिया है। यह यात्रा अब सिर्फ 20 मिनट में पूरी की जा सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि गोवा में पंजिम से वास्को के बीच
कनेक्टिविटी से लोगों को राहत मिलेगी और साथ ही पर्यटन को भी
बढ़ावा मिलेगा। एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के खड़की गांव की एक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से हर घर में नल कनेक्शन सुनिश्चित करने के प्रयासों की भी
प्रशंसा की।
*डीएपी दूसरी सबसे ज्यादा खपत वाली खाद*
यूरिया के बाद डीएपी देश की दूसरी सबसे ज्यादा खपत वाली खाद है। जानकारी के
मुताबिक, लगभग 10 से 12.5 मिलियन टन
सालाना इसकी खपत होती है। जबकि, डीएपी का उत्पादन केवल चार से पांच मिलियन टन ही है। देश में बाकी डीएपी आयात किया जाता है। केंद्र सरकार ने इफको के बनाए डीएपी को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल किया है। बता दें, फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, वह कानून है जो देश में खादों की बिक्री, मूल्य, वितरण को नियंत्रित करता है। फर्टिलाइजर
कंट्रोल ऑर्डर में शामिल होने से इसके
व्यवसायिक रिलीज का रास्ता भी साफ होने वाला है। केंद्र सरकार के इस कदम का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होने वाला है।
*अभी तक बोरी में मिलती थी डीएपी*
बता दें, किसानों को अभी तक डीएपी बोरी में मिलती थी, जिससे इसके ढुलाई में
समस्याओं का सामना करना पड़ता था। नैनो
डीएपी बोतल में आने से इसे उतनी ही मात्रा में आसानी से लाया जा सकेगा। साथ ही इस कदम के बाद डीएपी की कीमतों में भी कमी आने की संभावना बन गई है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |