नई दिल्ली, 06 मार्च 2023 (यूटीएन)। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय
(एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, स्थिर कीमतों
(रियल टर्म) पर प्रति व्यक्ति आय 2014-15 के 72,805 रुपये से 35 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 98,118 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। देश में प्रति
व्यक्ति सालाना आय पिछले आठ साल में दोगुनी हुई है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के समय 2014-15 में नॉमिनल टर्म में देश में सालाना प्रति व्यक्ति आय 86,647 रुपये थी, जिसके 2022-23 में मौजूदा कीमतों पर दोगुनी
(99 फीसदी) बढ़कर 1.72 लाख पहुंचने का अनुमान है।
हालांकि, आय में असमान वितरण यानी अमीरों व गरीबों के बीच खाई अब भी चुनौती बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय
(एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, स्थिर कीमतों
(रियल टर्म) पर प्रति व्यक्ति आय 2014-15 के 72,805 रुपये से 35 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 98,118 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना महामारी की शुरुआत में रियल और नॉमिनल टर्म दोनों के स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में
गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन, कोरोना का असर कम होने के साथ 2021-22 और 2022 -23 में प्रति व्यक्ति आय में तेजी देखने को मिली है।
*बढ़ती आय देश की समृद्धि का संकेत*
प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान एनआईपीएफपी के पूर्व
निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा, भारत की प्रति व्यक्ति आय 2014 से 2019 के बीच रियल टर्म में सालाना 5.6% बढ़ी है। यह वृद्धि महत्वपूर्णv है। हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक व सामाजिक
मोबिलिटी में सुधार देखा है। हालांकि, कोरोना से काफी खराब असर पड़ा। पर, महामारी के बाद इसमें सुधार देखने को मिला है। इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के निदेशक नागेश कुमार ने कहा,
वृद्धि बढ़ती समृद्धि का संकेत है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |