नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2023 (यूटीएन)। हवाई सफर करने वालों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार एयरलाइंस कंपनियों की चीटिंग पर सख्त हो गई है। फ्री वेब चेक इन के नाम पर अतिरिक्त पैसे की वसूली पर नियंत्रण की तैयारी है। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने कहा है कि हर सीट पेड नहीं हो सकती है। केंद्र ने माना भ्रामक तरीका केंद्र सरकार ने इसे यात्रियों से अतिरिक्त पैसे वसूलने का भ्रामक तरीका (डार्क पैटर्न) माना है और आठ नवंबर को एयरलाइंस कंपनियों एवं उड़ान से जुड़े भागीदारों की बैठक बुलाई है। उस दिन एयरलाइंस कंपनियों को दिशा-निर्देश दिया जा सकता है।
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को टिकट बुक कराने के वक्त यात्रियों से अतिरिक्त पैसे लेने की लगभग दस हजार शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसके बाद नियंत्रण के उपायों के लिए विवश होना पड़ा है। हालांकि, मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार की मंशा एयरलाइंस के आर्थिक प्रबंधन में हस्तक्षेप करने की नहीं है। सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि किराये के अतिरिक्त जो पैसे लिए जाते हैं, उसे यात्रियों को पहले ही बता दिया जाए।
दरअसल, फ्लाइट टिकट बुक करने के पहले किराया कुछ बताया जाता है, लेकिन बुकिंग प्रक्रिया में जाते ही उसकी कीमतें बढ़ने लगती हैं। यह लगातार बदलते रहता है। लोग हड़बड़ी में उतनी ही कीमत पर टिकट कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि उन्होंने अभी बुक नहीं किया तो बाद और ज्यादा पैसे लग जाएंगे। इतना ही नहीं, बुकिंग के पहले जो भाड़ा दिखाया जाता है, वह भी बुक करते-करते बढ़ जाता है। पसंद की सीटें चुनने एवं सुविधाओं के नाम पर भी अतिरिक्त चार्ज देना पड़ जाता है। यहां तक कि बीमा भी स्वैच्छिक नहीं होता। उस पर भी अलग चार्ज देना पड़ता है।
*रिफंड नहीं देने के सबसे ज्यादा मामले*
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन के अनुसार सबसे ज्यादा शिकायतें टिकट कैंसिल कराने के बाद रिफंड नहीं देने का मामला आता है। ऐसी शिकायतों की संख्या 41 प्रतिशत है। सेवाओं में भारी लापरवाही की लगभग 15 प्रतिशत शिकायतें आई हैं। पांच प्रतिशत शिकायतें ऐसी भी मिली हैं जब वैध टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बोर्डिंग से रोक दिया गया है। एयरलाइंस की ऐसी ही मनमानी को केंद्र सरकार ने संज्ञान में लिया है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |