नई दिल्ली, 06 मार्च 2023 (यूटीएन)। दिल्ली में 15 मार्च से शुरू हो रही विश्व महिला
मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए टीम के चयन में पक्षपात पर तीन राष्ट्रीय चैंपियन महिला मुक्केबाजों ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भोपाल में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशि में स्वर्ण जीतने वाली और 2019 की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता मुक्केबाज मंजू रानी (48), शिक्षा नरवाल (54) और पूनम (60) की ओर से दाखिल याचिका में भारतीय मुक्केबाजी संघ
(बीएफआई), खेल मंत्रालय, साई, तीनों जगह पर चयनित
मुक्केबाज नीतू, प्रीति और जैस्मिन के अलावा चीफ कोच भास्कर भट्ट को आरोपी बनाया गया है।
*टीम में शामिल नौ मुक्केबाज राष्ट्रीय चैंपियन*
दाखिल की गई याचिका में हरियाणा की तीनों महिला
मुक्केबाजों ने कहा है कि उन्होंने भोपाल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता है। विश्व चैंपियनशिप की टीम में शामिल अन्य नौ सभी मुक्केबाज भी राष्ट्रीय चैंपियन हैं, लेकिन उनके भार वर्गों में उनके स्थान पर उनसे नीचे की रैंकिंग और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में नहीं खेलने वाली
मुक्केबाजों को जगह दी गई है। उन्होंने बीएफआई
, मंत्रालय और साई के समक्ष उन्हें टीम में चयनित किए जाने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। जिसके चलते उन्होंने अदालत की शरण ली है।
*बीएफआई ने कहा नई चयन नीति के तहत हुआ चयन*
मुक्केबाजी संघ का कहना है कि उन्होंने नई चयन नीति के तहत टीम का चयन किया है। जिसके तहत
राष्ट्रीय शिविर में शामिल सभी मुक्केबाजों की समीक्षा के बाद चयन किया गया। मुक्केबाजों को समीक्षा के अंक दिए गए हैं, जिसके आधार पर टीम चयनित हुई है। वहीं
मुक्केबाजों का दावा है कि शिविर में शामिल रहने के दौरान उनसे कहा गया था कि राष्ट्रीय चैंपियन होने के नाते उनका विश्व चैंपियनशिप की टीम में चयन होगा। विश्व
चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता 80 लाख रुपये की भारी भरकम इनामी राशि मिलेगी।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |