नई दिल्ली, 28 मार्च 2023 (यूटीएन)। भारत सरकार ने खराब क्वालिटी की दवाई के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं. इन कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग बंद करने को कहा गया है. ये आदेश नकली दवा और खराब गुणवत्ता वाली दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत आया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कई दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था. केंद्र और राज्य की टीमों ने 20 राज्यों में औचक
निरीक्षण किया और फिर ये कार्रवाई की गई.
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी. नकली दवाओं के निर्माण से संबंधित देश भर की फार्मा कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई चल रही है. करीब 15 दिन से अभियान चल रहा है.
*इन राज्यों में की गई कार्रवाई*
इस दौरान हिमाचल प्रदेश में 70, उत्तराखंड में 45 और
मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. कई देशों से भारतीय दवाओं से होने वाली मौतों और बीमारियों की खबरों के बीच ये छापे मारे गए हैं. पिछले महीने, गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस लाइफसाइंसेज ने अमेरिकी बाजार से गाउट के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जेनेरिक दवा की 55,000 से अधिक बोतलें वापस मंगवाई थीं. दवा अशुद्धता विनिर्देशों में विफल रही थी.
*भारतीय कंपनियों के खिलाफ मिल रही थी शिकायतें*
इसके अलावा नोएडा में एक फार्मास्युटिकल फर्म के तीन
कर्मचारियों को पिछले साल उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर खांसी की दवाई के कारण 18 बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार किया गया था. उन पर मिलावटी दवा बनाने और बेचने का आरोप था. वहीं बीते फरवरी के महीने में ही चेन्नई स्थित एक दवा कंपनी ने आई ड्रॉप की खेप को वापस मंगाया था. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने संभावित संक्रमण के कारण एजरीकेयर आई ड्रॉप्स खरीदने या उपयोग नहीं करने को लेकर चेतावनी जारी की थी.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |