मथुरा, 29 मार्च 2023 (यूटीएन)। जिले में कई स्थानों पर बाइक को जोड़कर जुगाड़ से रिक्शा का स्वरूप देकर इनसे सवारियों व सामान की ढुलाई की जा रही है। यह नियम विरुद्ध है। इनका पंजीयन भी नहीं हो सकता है। फिर भी इन्हें बेखौफ सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जब ये वाहन भीड़-भाड़ वाले इलाके क्षेत्रों से गुजरते हैं तो हादसे का खतरा बना रहता है। इस ओर न तो पुलिस का ध्यान है न ही परिवहन विभाग का। शायद दोनों ही विभागों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। जिले में दिनोंदिन बाइक व स्कूटर को पीछे से काटकर इन्हें पीछे से रिक्शे का स्वरूप दे दिया जा रहा है। इनसे सामान व यात्रियों को इधर-उधर ले जाया जा रहा है।
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिले भर में इन रिक्शों की संख्या 15 हजार से अधिक है। इन्हें चलाने वाले नियमों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इनको चला रहे लोग न तो हेलमेट पहनते हैं न ही लाइसेंस रखते हैं। मंडी, बिल्डिंग मेटेरियल के साथ ही भारी सामान की ढुलाई के कार्य में इनका खूब प्रयोग किया जा रहा है। क्षमता से अधिक सामान भरने के कारण कई बार सड़क पर पलट भी चुके हैं। इससे चालक भी गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं। कई बार तो आगे, पीछे चलने वाले दूसरे वाहन चालक भी इनके कारण घायल हो जाते हैं। गोवर्धन में तो सात कोस की परिक्रमा में ये बाइक रिक्शा धड़ल्ले से सवारी ढोते हुए दिखाई दे जाते हैं। दो घंटे में तैयार हो जाता बाइक रिक्शा शहर में मंडी समिति पर, गोवर्धन के डींग रोड पर बाइक के पिछले हिस्से को काटकर उसे रिक्शे के स्वरूप देने का काम होता है।
एक बाइक रिक्शा चालक ने बताया कि बाइक के साथ 17 हजार रुपये देने पर दो घंटे के अंदर ही बाइक रिक्शा तैयार हो जाता है। उसके अनुसार, दुकान पर पहले से ही बाइक के पीछे लगने वाला सामान तैयार होता है। बस बाइक को पीछे से काटा जाता और उसमें रिक्शा फिट कर दिया जाता है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाइक रिक्शा में पुरानी बाइकों का प्रयोग अधिक हो रहा है। कारण कि इनकी चेकिंग नहीं होती। इन्हें चलाने वाले हेलमेट का प्रयोग भी नहीं करते हैं। चोरी के वाहनों के प्रयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। अधिवक्ता अरुण सिंह के अनुसार, मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी भी वाहन में बदलाव करना गैर कानूनी है। कुछेक वाहनों को संबंधित कार्यालय से अनुमति लेकर उसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है।
लेकिन बाइक रिक्शा तो पूरी तरह से अवैध है। इस तरह के अवैध वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सीज की कार्रवाई होती है। इसके बाद कोर्ट के द्वारा इनका निस्तारण किया जाता है। सिर्फ सड़क सुरक्षा सप्ताह में हुई कार्रवाई सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जनवरी में 9 बाइक रिक्शा को सीज किया गया था। अभी शहर में बिना रजिस्ट्रेशन वाले ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान की रणनीति बनाई जा रही है। इसके बाद बाइक रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बाइक को काटकर उसमें रिक्शा जोड़ना गैर कानूनी है और इस तरह के वाहनों का एआरटीओ कार्यालय में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है।
रिपोर्टर-मथुरा, (दुर्गा प्रसाद) |