मथुरा,24 मार्च 2023 (यूटीएन)। वृंदावन मार्ग स्थित जयपुर मंदिर परिसर मे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वृंदावन नगर द्वारा हिन्दू नव वर्ष विक्रम संवत 2080 के अवसर पर पथ संचलन निकाला। पथ संचलन की शुरुआत भारत माता व डॉ हेडगेवार के चित्रपट पर दीप प्रज्ज्वलित व पुष्प अर्पित कर बौद्धिक के उपरांत हुई। इसके बाद नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पथ संचलन पुनः जयपुर मंदिर पहुंचा जहां कार्यक्रम का समापन हुआ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा निकाले गए पथ संचलन में स्वयं सेवक कदम ताल मिलाते हुए चल रहे थे। पथ संचलन मिर्जापुर धर्मशाला, सीएफसी चौराहा, मथुरा गेट पुलिस चौकी, अनाज मंडी, पुराना बजाजा, वनखंडी तिराहा, लोई बजार, शाह जी मंदिर, राधा रमण मंदिर होते हुए गोपी नाथ बाजार ,पत्थर पुरा, रंग जी मंदिर, नगर निगम, बस स्टैंड, बगलामुखी मंदिर से जयपुर मंदिर पर समापन हुआ। पथ संचलन का स्वागत करने वालों में मुस्लिम समाज भी पीछे नहीं रहा।
शहर के मिश्रित आबादी क्षेत्र मथुरा गेट पुलिस चौकी के पास मुस्लिम समुदाय ने भी पुष्प वर्षा की । इससे पूर्व बाल स्वयं सेवक अभिनव द्वारा एकल गीत गा कर कार्यक्रम शुभारंभ किया गया। मुख्य वक्ता प्रांत प्रचार प्रमुख केशव जी ने कहा आज हिन्दू नव वर्ष 2080 प्रारंभ हुआ। 1925 में डॉक्टर हेडगेवार हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए आगे बढते चले गए। रामायण के महा नायक भगवान श्रीराम के जीवन के दृष्टांत विचार रखते हुए स्वयं सेवक को बताया कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में सदा समरसता और सद्भाव बनाकर रखा और समस्त जीव जगत को एक सूत्र मै पिरोकर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना में सहयोग लिया गया। राम सेतु निर्माण में अपने तेज और पराक्रम का मर्यादानुसार पालन करते हुए समुद्र देव से विनय याचना कर सेतु निर्माण मे सहयोग करने की बात कही उन्होंने बताया ठीक उसी प्रकार हम को भी राष्ट्र निर्माण एवं देश को विश्व गुरू बनाने में सभी को साथ लेकर चले तभी देश का विकास होगा। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से एक बनकर उभर रही है।
भारत के सनातन मूल्यों के आधार पर होने वाले नवोत्थान को विश्व स्वीकार कर रहा है। वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा के आधार पर विश्व शांति, विश्व बंधुत्व और मानव के लिए भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए अग्रसर है। नव वर्ष प्रतिपदा का दिन स्वयं सेवकों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है कि उस दिन ही संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ था । कार्यक्रम स्थल पर शाखा लगाने से पहले आद्य सर संघ चालक प्रणाम देकर सभी स्वयं सेवक संघ संस्थापक को याद करते है । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी ।
भारत वर्ष मै प्राचीन काल से चली आ रही काल गणना उसी दिन से प्रारंभ होती है । सम्राट विक्रमादित्य ने आक्रमणकारी शासकों को पूर्ण रूप से पराजित कर भारत से निष्कासित किया। उसी दिन से विक्रम संवत प्रारंभ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष जगदगुरु विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा हिंदू देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। आरएसएस ने देश को मजबूत करने का काम किया है।
रिपोर्टर-मथुरा, (दुर्गा प्रसाद) |