Sunday, April 27, 2025

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तेड़ा गांव के होलिका दहन स्थल से हटा अतिक्रमण,अधिकारियों व ग्रामीणों की सहमति से निपटा विवाद

ग्रामीणों ने अपने स्तर से इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया था, मगर तब सफलता नहीं मिली थी, कुछ लोग सामुदायिक केंद्र का मेन गेट होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते थे, जबकि दूसरे पक्ष के लोग उस तरफ गेट खोलने का विरोध कर रहे थे।

बडौत,23 मार्च 2025 (यूटीएन)। होलिका दहन स्थल की ओर नहीं होगा चौपाल का दरवाजा। इसके साथ ही अधिकारियों की मौजूदगी व ग्रामीणों की सहमति से तेडा गांव में होलिका दहन स्थल को शनिवार को अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया। वहीं होलिका दहन स्थल के बराबर में बने सामुदायिक केंद्र का प्रवेश द्वार,अब होलिका दहन स्थल की ओर न होकर सड़क मार्ग पर ही होगा। 
दरअसल, तहसील के बिनौली ब्लाक के तेड़ा गांव में होलिका दहन की भूमि पर कुछ लोग सामुदायिक केंद्र को अपनी निजी संपत्ति मानकर उसके बराबर में स्थित होलिका दहन स्थल पर कब्जा करने की फिराक में थे। ग्रामीणों ने अपने स्तर से इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया था, मगर तब सफलता नहीं मिली थी। कुछ लोग सामुदायिक केंद्र का मेन गेट होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते थे, जबकि दूसरे पक्ष के लोग उस तरफ गेट खोलने का विरोध कर रहे थे।
गांव के मुकेश दत्त शर्मा, कैलाश चंद आदि ने जिलाधिकारी व प्रदेश शासन से इसकी शिकायत की थी, जिसे संज्ञान में लेते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आज सहायक विकास अधिकारी पंचायत, प्रेम कुमार ग्राम पंचायत सचिव सोनू तोमर के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। 
ग्रामीणों का कहना था कि, गांव के कुछ लोग चौपाल का मुख्य द्वार होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते हैं, जिससे होलिका दहन स्थल का अस्तित्व खतरे में है, जबकि इस स्थल पर पिछले सौ वर्ष से अधिक समय से होलिका दहन होता आया है। ग्रामीणों की वार्ता के बाद जांच को आए अधिकारियों ने कहा कि, सामुदायिक केंद्र का मुख्य दरवाजा सड़क मार्ग की ओर खुलवाया जाएगा और होलिका दहन की ओर इसका द्वार नहीं होगा।
दोनों पक्षों ने इस बात पर अपनी सहमति जता दी। उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार को मौके पर ही फोन से सामुदायिक केंद्र का दरवाजा मुख्य रास्ते की ओर ही खोलने के निर्देश दिए।
इसके बाद करीब दो माह से चला आ रहा है यह विवाद अधिकारियों की सूझबूझ व ग्रामीणों की सहमति से निपट गया। इस मौके पर जय सिंह, विश्व बंधु शास्त्री, सोमपाल, वरुण, रमेश, मुकेश वत्स, कैलाश सिंह, संजय मोघा, ब्रजमोहन, धर्मेंद्र कुमार, आशीष, विपिन आदि मौजूद रहे।

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तेड़ा गांव के होलिका दहन स्थल से हटा अतिक्रमण,अधिकारियों व ग्रामीणों की सहमति से निपटा विवाद

ग्रामीणों ने अपने स्तर से इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया था, मगर तब सफलता नहीं मिली थी, कुछ लोग सामुदायिक केंद्र का मेन गेट होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते थे, जबकि दूसरे पक्ष के लोग उस तरफ गेट खोलने का विरोध कर रहे थे।

बडौत,23 मार्च 2025 (यूटीएन)। होलिका दहन स्थल की ओर नहीं होगा चौपाल का दरवाजा। इसके साथ ही अधिकारियों की मौजूदगी व ग्रामीणों की सहमति से तेडा गांव में होलिका दहन स्थल को शनिवार को अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया। वहीं होलिका दहन स्थल के बराबर में बने सामुदायिक केंद्र का प्रवेश द्वार,अब होलिका दहन स्थल की ओर न होकर सड़क मार्ग पर ही होगा। 
दरअसल, तहसील के बिनौली ब्लाक के तेड़ा गांव में होलिका दहन की भूमि पर कुछ लोग सामुदायिक केंद्र को अपनी निजी संपत्ति मानकर उसके बराबर में स्थित होलिका दहन स्थल पर कब्जा करने की फिराक में थे। ग्रामीणों ने अपने स्तर से इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया था, मगर तब सफलता नहीं मिली थी। कुछ लोग सामुदायिक केंद्र का मेन गेट होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते थे, जबकि दूसरे पक्ष के लोग उस तरफ गेट खोलने का विरोध कर रहे थे।
गांव के मुकेश दत्त शर्मा, कैलाश चंद आदि ने जिलाधिकारी व प्रदेश शासन से इसकी शिकायत की थी, जिसे संज्ञान में लेते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आज सहायक विकास अधिकारी पंचायत, प्रेम कुमार ग्राम पंचायत सचिव सोनू तोमर के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। 
ग्रामीणों का कहना था कि, गांव के कुछ लोग चौपाल का मुख्य द्वार होलिका दहन स्थल की ओर खोलना चाहते हैं, जिससे होलिका दहन स्थल का अस्तित्व खतरे में है, जबकि इस स्थल पर पिछले सौ वर्ष से अधिक समय से होलिका दहन होता आया है। ग्रामीणों की वार्ता के बाद जांच को आए अधिकारियों ने कहा कि, सामुदायिक केंद्र का मुख्य दरवाजा सड़क मार्ग की ओर खुलवाया जाएगा और होलिका दहन की ओर इसका द्वार नहीं होगा।
दोनों पक्षों ने इस बात पर अपनी सहमति जता दी। उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार को मौके पर ही फोन से सामुदायिक केंद्र का दरवाजा मुख्य रास्ते की ओर ही खोलने के निर्देश दिए।
इसके बाद करीब दो माह से चला आ रहा है यह विवाद अधिकारियों की सूझबूझ व ग्रामीणों की सहमति से निपट गया। इस मौके पर जय सिंह, विश्व बंधु शास्त्री, सोमपाल, वरुण, रमेश, मुकेश वत्स, कैलाश सिंह, संजय मोघा, ब्रजमोहन, धर्मेंद्र कुमार, आशीष, विपिन आदि मौजूद रहे।

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