बागपत, 08 मार्च 2024 (यूटीएन)। मुसलमानों के मोदी सरकार को तीसरी बार भी बनाए रखने की चाह में रालोद बना हमराह। रालोद के शुरू से साथ रहे मुस्लिम जहां अपने नेता के एनडीए का घटक होने से निश्चिंत हैं, वहीं उन्हें देखकर दूसरे दलों में रहकर घुटन महसूस कर रहे तथा मोदी योगी सरकार के ,सबका साथ सबका विकास में बिना किसी भेदभाव के जनकल्याणकारी नीतियों से लाभ मिलता देख अब रालोद के संग आकर मोदी सरकार के पार्ट थ्री की संभावना को मजबूती के लिए खुलकर पार्ट प्ले शुरू करने का मनचाहा मौका मिला है। इसी मौके को बिना किसी झिझक के पाने के लिए मुस्लिम समाज के अनेक बुद्धिजीवी तथा ग्रामीण रालोद की ओर कदम भी बढ़ा रहे हैं।
उनका कहना है कि, चौ चरण सिंह की नीतियों पर चलते हुए जहां रालोद सुप्रीम चौ जयंत सिंह ने भाजपा की नीतियों को किसानों के हित में बताया है और साथ आए हैं, ऐसे ही हमें भी बेझिझक रालोद के साथ रहकर कौम के हितों को सुरक्षित रखना होगा। रालोद के एनडीए का घटक बनने के साथ ही जहां राजनीतिक विश्लेषक, अल्पसंख्यक वर्ग के रालोद से हटने के कयास लगाए जा रहे थे, ठीक इसके उलट रालोद के मुस्लिम विधायक राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देते नजर आए, वहीं अब एमएलसी चुनाव में भी रालोद की एकजुटता नया इतिहास रचने जा रही है। विश्लेषकों का यह भी मानना था कि, मंत्री बनने की अपनी अपनी उम्मीद पूरी होने तक विधायकों की एकजुटता बनी रहेगी।
लेकिन इन संभावनाओं को भी रालोद के विधायकों सहित आमजनमानस भी नकारता सा नजर आ रहा है। यही कारण है कि, नई दिल्ली स्थित रालोद कार्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की उपस्तिथि में बागपत जिले से अल्पसंख्यक समाज के सम्मानित लोगो ने समाजवादी पार्टी छोड़कर राट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया। वरिष्ठ सपा नेता व बागपत निवासी डॉ शकील अहमद के नेतृत्व में अनेक कल्प वर्ग से संबद्ध सपा कार्यकर्ताओं ने रालोद ज्वाइन की। इन सभी ने रालोद के राष्ट्रीय सचिव डॉ कुलदीप उज्वल की प्रेरणा से रालोद की नीतियों को अपनाने का फैसला किया। इस मौके पर युवा रालोद के क्षेत्रीय अध्यक्ष आशिफ चौधरी भी उपस्तिथ रहे । डॉ शकील अहमद ने इस दौरान अल्पसंख्यक समाज के 21 लोगों को भी जयंत चौधरी से मिलवाया तथा उन्होंने रालोद की सदस्यता ग्रहण करते हुए खुशी का इजहार किया।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |