नई दिल्ली, 07 मार्च 2024 (यूटीएन)। संदेशखाली हिंसा को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू से संदेशखाली हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। इससे पहले, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी ममता बनर्जी की सत्ता वाले राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति से मिलने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि भले ही संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है, बावजूद इसके वहां अभी भी स्थिति बेहद खराब है।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली की घटना कोई पहली घटना नहीं है, टीएमसी शासित राज्य में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में एनसीडब्ल्यू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। रेखा शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू राज्य की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। इससे पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में भय का माहौल है। महिलाओं का वहां उत्पीड़न हुआ, जिसमें तृणमूल नेताओं के साथ पुलिस के अधिकारी भी शामिल थे। उनके पास कई महिलाओं की शिकायतें पहुंची हैं। महिला आयोग ने कहा कि।
संदेशखाली में महिलाएं यदि अत्याचार की शिकायत करती हैं तो तृणमूल के नेता या पुलिसवाले उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। वे या तो महिलाओं से उनकी संपत्ति जब्त करने लगते हैं या फिर उनके परिवार के पुरुष सदस्यों को परेशान करते हैं और उन्हें फर्जी मामलों में गिरफ्तार करते हैं। एनसीडब्ल्यू ने कहा कि टीम के निष्कर्षों से बंगाल सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारियों की ओर से लापरवाही और मिलीभगत का एक चिंताजनक पैटर्न सामने आया है। एनसीडब्ल्यू की सदस्य डेलिना खोंगडुप ने संदेशखाली की यात्रा के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारियों के रवैये पर गहरी निराशा व्यक्त की। एनसीडब्ल्यू ने दावा किया कि पुलिस महानिदेशक ने टीम के साथ सहयोग करने से इन्कार कर दिया।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |