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केंद्र को मिल सकता है दवा निर्माण को नियंत्रित करने का अधिकार

औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को राज्य दवा नियामकों के बजाय दवा और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण को विनियमित करने का अधिकार दिया जाना चाहिए

नई दिल्ली, 13 मार्च  2023 (यूटीएन)। देश में जल्द ही दवा और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण को नियंत्रित करने का अधिकार केंद्र सरकार को मिल सकता है। पहले यह अधिकार राज्यों के पास था। सरकार ने दवा, चिकित्सा उपकरण और प्रसाधन सामग्री विधेयक 2023 का संशोधित स्वरूप तैयार किया है, जिसे जल्द ही लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। विधेयक के इस संशोधित मसौदे में केंद्र ने प्रस्ताव रखा है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को राज्य दवा नियामकों के बजाय दवा और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण को विनियमित करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। हालांकि दवा, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा विनियमित किया जाना जारी रहेगा।
सरकार ने इस विधेयक को अंतिम रूप देने से पहले परामर्श के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति के पास भेजा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि वर्तमान में दवा और सौंदर्य प्रसाधनों से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा विनियमित किया जाता है। हालांकि अब विधेयक पारित होने के बाद यह अधिकार सीडीएससीओ के माध्यम से केंद्र के पास पहुंच जाएगा। विधेयक के मसौदे के अनुसार ई-फार्मेसी संचालित करने की अनुमति लेने के प्रावधान को हटा दिया गया है और इसकी जगह कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए ऑनलाइन माध्यम से किसी भी दवा की बिक्री, भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री या वितरण को विनियमित या प्रतिबंधित कर सकती है। केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य औषधि नियामकों की बजाय देश की शीर्ष दवा नियामक संस्था सीडीएससीओ को दवाओं व सौंदर्य प्रसाधनों के विनिर्माण से जुड़े नियमन के लिए सशक्त किया जाए।
हालांकि नए ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023 के संशोधित मसौदे के अनुसार दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को संबंधित राज्य सरकारों की ओर से विनियमित किया जाना जारी रहेगा। उपरोक्त बिल 1940 के मौजूदा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में बदलाव के लिए लाया गया है। विधेयक के मसौदे के अनुसार ई-फार्मेसी संचालित करने की अनुमति लेने के प्रावधान को हटा दिया गया है और इसकी जगह कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए ऑनलाइन माध्यम से किसी भी दवा की बिक्री, भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री या वितरण को विनियमित या प्रतिबंधित कर सकती है। नए औषधि, चिकित्सा उपकरण और प्रसाधन सामग्री विधेयक के मसौदे को पिछले साल जुलाई में सार्वजनिक किया गया था और हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को  विधेयक के मसौदे पर हितधारकों से कई टिप्पणियां मिलीं, जिसे मंत्रालय की ओर से तदनुसार संशोधित किया गया और अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा गया। विधेयक के मसौदे पर चल रहे विचार-विमर्श के दौरान सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने राज्य नियामकों के बजाय दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए सीडीएससीओ को  विनिर्माण लाइसेंस जारी करने की शक्तियां देने के नए प्रावधान का समर्थन किया है। नीति आयोग की ओर से कहा गया है कि यह कदम कानून के समान और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा। इसका अर्थ है कि केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण के साथ सभी विनिर्माण शुल्कों को आराम देने की दिशा में एक बड़ा बदलाव होगा।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |`

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