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जर्मनी के बयान पर कांग्रेस और भाजपा में पलटवार

 जर्मनी ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने को लेकर बयान दिया है.

नई दिल्ली, 31 मार्च  2023 (यूटीएन)। जर्मनी ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने को लेकर बयान दिया है. जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा में जमकर वार-पलटवार हुआ. राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद से कांग्रेस और भाजपा के बीच घमासान जारी है. इसी बीच जर्मनी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है जिसके बाद दोनों दलों ने एक-दूसरे पर नए सिरे से वार-पलटवार किया है. बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने का आरोप लगाया गया है. वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अडानी मामले से ध्यान हटाना चाहती है.
1. जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने भारत में विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबित किए जाने का संज्ञान लिया है. हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं. तब ये स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला टिक पाएगा और क्या निलंबन का कोई आधार है? प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत समान रूप से राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर लागू होंगे.
2. इस बयान के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्रालय का धन्यवाद किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी को परेशान करके भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है और इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और डॉयचे वैवैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का शुक्रिया. दिग्विजय सिंह ने वाकर का एक ट्वीट टैग किया जिसमें राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता से अयोग्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का एक वीडियो है.
3. इसके बाद कांग्रेस और दिग्विजय सिंह बीजेपी के निशाने पर गए. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित कर रही है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने की खातिर राहुल गांधी का आभार. याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती. भारत अब और विदेशी प्रभाव को सहन नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.
4. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. रमेश ने ट्वीट किया कि कांग्रेस का स्पष्ट तौर पर मानना है कि प्रधानमंत्री की ओर से संस्थाओं पर हमले एवं उनकी डराने धमकाने की राजनीति से हमारे लोकतंत्र के समक्ष जो खतरे उत्पन्न हुए हैं, उनसे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खुद ही निपटना होगा. कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुक़ाबला करेंगी.
5. किरेन रिजिजू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि रिजिजू जी, मुख्य मुद्दे से ध्यान क्यों हटा रहे हैं? मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री, अडानी मामले में राहुल गांधी के सवालों का जवाब नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के बजाय कृपया प्रश्नों का उत्तर दीजिए.
6. दिग्विजय सिंह के ट्वीट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये देश के लिए अपमानजनक है कि कांग्रेस और राहुल गांधी भारत की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और कानूनी लड़ाई को देश के भीतर लड़ने में विश्वास नहीं करते, वे विदेशी शक्तियों को हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए आमंत्रित करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में नया भारत किसी विदेश दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा.
7. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहती है. वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करती है जिसमें अपारदर्शी बातें होती हैं. विदेश में संवाद के दौरान सरकार बदलने के लिए मदद मांगी जाती है. जब मदद आती है तो उनका धन्यवाद किया जाता है. क्या किसी और सबूत की जरूरत है? वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सीतारमण के ट्वीट को रिट्वीट किया.
8. पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से जब पूछा गया कि क्या विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए और राहुल गांधी के मुद्दे पर अपने जर्मन समकक्षों से बात करनी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि हमें उन्हें क्यों बताना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए? यह उनका काम है. अगर उन्होंने हमसे मदद मांगी होती तो हम इसके बारे में सोचते, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि जो कुछ कहा गया है हम उससे सहमत हैं. हम बाहर किसी चीज का विरोध कैसे कर सकते हैं, जिससे हम यहां सहमत हैं?
9. जर्मनी से पहले अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है. हम भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं. हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हमारी बातचीत में, हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना जारी रखेंगे.
10. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है. इसके मद्देनजर उनको बीते शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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