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जन जागरण महाआरती में हजारों दीपकों से जगमगा उठा बाहूबली एंक्लेव

बाजे छम छम छम छम बाजे घूंघरु बाजे घूंघरु हाथों में दीपक लेके आरती करुं की धुन पर थिरकते कदम और हाथों में जगमगाते दीपक लेकर आरती करते हजारों श्रद्धालु एक अद्भुत नजारा पेश कर रहे थे. यह अनूठा दृष्य देख कर मानों ऐसा लग रहा था कि जैसे बाहूबली आसमान रोशनी से जगमगा उठा हो समूचा वातावरण रोशनी और दीपों की खुसबू से महक उठा हो

नई दिल्ली, 29 मई 2023 (यूटीएन)।  बाजे छम छम छम छम बाजे घूंघरु बाजे घूंघरु हाथों में दीपक लेके आरती करुं की धुन पर थिरकते कदम और हाथों में जगमगाते दीपक लेकर आरती करते हजारों श्रद्धालु एक अद्भुत नजारा पेश कर रहे थे. यह अनूठा दृष्य देख कर मानों ऐसा लग रहा था कि जैसे बाहूबली आसमान रोशनी से जगमगा उठा हो समूचा वातावरण रोशनी और दीपों की खुसबू से महक उठा हो. अवसर था शाकाहार प्रवर्तक राष्ट्र संत उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित द्वितीय अंतरराष्ट्रिय जनजागरण महा आरती का बाहूबली एंक्लेव के जैन मंदिर पार्क में आयेजित इस जनजागरण महा आरती में दिल्ली एनसीआर के विभिन्न भागों से हजारों श्रद्धालु उपस्थिति थे.
दिगम्बर जैन समाज बाहूबली एंक्लेव द्वारा आयोजित यह महाआरती अंतरराष्ट्रिय स्याद्वाद युवा क्लब के संयोजन से की गई. तमसो मा ज्योतिर्गमय‘ के पावन संदेश के साथ हर श्रद्धालु के हाथ जगमग करते छोटे-छोटे ये दीपक जब एक साथ जल रहे थे , तो लगता है मानो कह रहे हों- हम जलेंगे, प्रखरता से जलेंगे! तब तक प्रज्वलित रहेंगे, जब तक कि इस धरा के हर अंधियारे कोने को प्रकाशित न कर दें। दृष्य देख कर मानों ऐसा लग रहा था कि जैसे मई में ही दीपावली का त्यौहार मनाया जा रहा है. चारों तरफ एक अद्भुत नजारा था वातावरण को पवित्र करने वाली शंख ध्वनि के साथ अगरबत्ती और धूप की खुसबू के साथ साथ पवित्र मंत्रों व भजनों की की मधूर आवाज के बीच हजारों दीपकों के द्वारा की जा रही सामूहिक आरती साथ ही मंच व मंदिर की छत से बडे़ बडे़ दीपकों से हो रही आरती देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे आज यहां उपस्थिति लोगों ने अपने अंतरमन के अंधकार को दूर करने का संकल्प ले लिया है.
इस जनजागरण महा अभियान के प्रणेता शाकाहार प्रवर्तक राष्ट्र संत उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी ने कहा कि खंड खंड भारत को अखंड बनाने के लिए, टूटे हुए आपसी दिलों को पुन: जोड़ने के लिए, देश को प्रेम मे बदलने के लिए एवं प्रेम से परमात्मा को पाने के लिए यह महाआरती अभियान जाति संप्रदाय से ऊपर उठ कर जनजागरण की दिशा में एक मिसाल बनकर मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज हमारा समाज जो खंड खंड में बंट गया है उसे अखंड करने के लिए, सोई हुई मानसिकता को जागृत करने के लिए तथा आपसी संबंधौं को पुन: स्थापित करने के लिए यह अभियान एक वरदान साबित होगा. इस अवसर पर उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी ने कहा कि हमारी संस्कृति प्रकाश उपासक है। जलते दीपक सिर्फ अपने ही नहीं, दूसरों के जीवन को भी रोशन करने का पावन संदेश देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जलते दीपक सिर्फ अपने ही नहीं, दूसरों के जीवन को भी रोशन करने का पावन संदेश देते हैं।
उपाध्याय श्री ने कहा कि जगमग-जगमग करते ये दीप हमारे अंतर्मन में भी सकारात्मकता का संचार करेंगे। अगर हम नन्हे दीपक की विशेषता पर गहनता से विचार करें, तो पाएंगे कि ये हमारे जीवन को सार्थक बनाने का संदेश भी देते हैं। उन्होंने कहा कि इस संदेश को हम अगर अपने भीतर आत्मसात कर लें तो एक सफल, सार्थक और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। हमारे आसपास ऐसे कई लोग मौजूद हैं, जिन्होंने स्वयं को दीपक सा बनाया और दूसरे के जीवन में प्रकाश फैलाया। तो आइए, इस जनजागरण महा आरती के पावन अवसर पर हम सब मिलकर दीपक बनने का संकल्प लें और अपने अंतस में बैठे अंधकार को दूर कर, परिवार-समाज में भी व्याप्त अंधकार को दूर कर प्रकाश फैलाएं। उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी ने सम्पूर्ण समाज को संदेश देते हुए कहा कि दीपक को देखिए, उसकी शोभा किस बात से है।
जब वह जमगम-जमगम करते हुए जलता है तो अपने आस-पास फैले अंधकार को दूर कर देता है, राह चलने वाले लोगों को प्रकाश मिलता है, वे सही दिशा में बढ़ते हैं, इससे उनको सुविधा होती है। दीपक के इस उपकार के लिए हमें उसका हृदय से आभारी होना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए कि एक दीपक की तरह हम भी अगर दूसरों के जीवन का अंधकार यानी उनके दुख-दर्द और समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें तो समाज को खुशहाल बना सकते हैं। उपाध्याय श्री ने कहा कि एक दीपक के प्रकाश का बहुत महत्व बहुत होता है, यह हम सभी जानते हैं, लेकिन जब असंख्य दीप रोशन होते हैं तो अंधकार कहीं भी टिक नहीं पाता है।
इस तरह दीपक हमें संयुक्त प्रयास, सहयोग और सामाजिकता का भान कराते हैं। कहने का सार यही है कि जब साथ मिलकर दीपमालाएं समस्त अंधकार को दूर कर सकती हैं तो हम भी एक-दूसरे के सहयोग से बड़े-बड़े बदलाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दीपक की एक विशेषता यह भी होती है कि जब तक उसमें एक बूंद भी तेल शेष रहता है, वह प्रज्ज्वलित रहता है। इस तरह एक नन्हा दीपक हमें संदेश देता है कि अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए, कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि हम किसी काम को करने के लिए सक्षम नहीं हैं। स्वयं की आत्मशक्ति पर, क्षमता पर पूरा विश्वास बनाए रखना चाहिए। यही सोच ही हमें आगे बढ़ने में सहायक होती है। इस अवसर पर उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी द्वारा रचित ‘अतित के झरोखेे’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रिय मार्गदर्शक दिनेश जी, विश्व हिंदू परिषद के राष्टीय कार्यकारी अध्यक्ष
आलोक कुमार, विहिप के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना एवं प्रांतीय प्रचार प्रमुख रमेश शर्मा पूर्व विधायक पद्मश्री जितेन्द्र सिंह शंटी भारतीय जनता पार्टी मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के सह संयोजक भागवत रस्तोगी, शाहदरा के डीसीपी रोहित मीना के भी अपने विचार रखे. तथा अगली जनजागरण महा आरती का आयोजन 25 जून को रोहणी के जापानी पार्क में आयेजित करने की घोषणा की गई. इस अवसर पर आरती की थाली सजाओ प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर बाहूबली एंक्लेव के अध्यक्ष अनिल जैन सिटी किंग, महामंत्री दीपक जैन, कोषाध्यक्ष उमेश जैन, जस्टिस आर.सी.जैन, प्रमोद जैन, पंकज जैन, निर्माण विहार के अध्यक्ष धर्नेंद्र जैन,दीपक जैन,वीरेंद्र सोनी,संघपति सुरेश जैन, विजय जैन चांदीवाले, राणाप्रताप बाग के अध्यक्ष पवन गोधा सहित रिषभ विहार, सूरजमल विहीर, निर्माण विहार, श्याम एंक्लेव,विवेक विहार, रोहिणी,प्रितमपुरा सहित दिल्ली एनसीआर के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे व हजारों श्रद्धालु उपस्थिति थे.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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