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एम्स में शुरू हुआ देश का पहला रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र

एम्स के सेट फैसिलिटी केंद्र में प्रशिक्षण के लिए रोबोटिक मशीन लगाई है।

नई दिल्ली, 02 मई 2023 (यूटीएन)।  एम्स के सेट फैसिलिटी केंद्र में प्रशिक्षण के लिए रोबोटिक मशीन लगाई है। एक निजी कंपनी ने एम्स को यह मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई है। इसलिए मंगलवार को देश का पहला रोबोटिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो गया। एम्स सहित देश के कई सरकारी व निजी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी हो रही है। खास तौर पर निजी अस्पताल बड़े स्तर पर इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
लेकिन अभी तक रोबोटिक प्रशिक्षण की सुविधा नहीं थी। यह कमी भी अब दूर हो गई है। एम्स के सेट फैसिलिटी केंद्र में प्रशिक्षण के लिए रोबोटिक मशीन लगाई है। एक निजी कंपनी ने एम्स को यह मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई है। इसलिए मंगलवार को देश का पहला रोबोटिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो गया। इससे संस्थान के विभिन्न सर्जिकल विभागों के इच्छुक फैकल्टी व सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एम्स के डीन (अकादमिक) डॉ. मीनू वाजपेयी ने कहा कि देश की पहली रोबोटिक एम्स में सर्जरी हुई थी।
 प्रशिक्षण की सुविधा भी यही शुरू हो रही है। रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण एमएस (मास्टर आफ सर्जरी) और सुपर स्पेशियलिटी (एमसीएच) पाठ्यक्रम का हिस्सा हो जाएगा। इसलिए एम्स द्वारा तैयार हर सर्जन रोबोटिक सर्जरी में दक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि ओपन सर्जरी में बड़ा चीरा लगाए जाने के कारण उसे ठीक होने में दो-तीन सप्ताह समय लगता है। इस वजह से कई मरीजों को दो सप्ताह तक भी अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। एंटीबायोटिक दवा की भी जरूरत अधिक पड़ती है। रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की अवधि कम हो जाएगी।
*चार गुना बढ़ जाएगी सर्जरी*
उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण के कारण देश के अस्पतालों में बेड बढ़े लेकिन आबादी के लिहाजा से सुविधाएं कम पड़ जाती है। इसकी भरपाई रोबोटिक सर्जरी से की जा सकती है। रोबोटिक सर्जरी के बाद मरीज को अगले दिन अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है।बेड जल्दी खाली होने पर सर्जरी चार गुना तक बढ़ जाएगी। इसलिए यदि किसी सेंटर में एक वर्ष में पांच हजार सर्जरी हो रही है तो बगैर बेड क्षमता बढ़ाए रोबोटिक सर्जरी से चार गुना अधिक मरीजों की सर्जरी हो सकती है। इसलिए रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षण का केंद्र शुरू करना बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
*विभागों में करीब 180 फैकल्टी व 450 रेजिडेंट डॉक्टर*
एम्स के जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, यूरोलाजी, आर्थोपेडिकक, ईएनटी, कार्डियोथेरोसिक सर्जरी, न्यूरोलाजी, कैंसर सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, गायनी विभाग को मिलाकर 11 से ज्यादा सर्जिकल विभाग हैं। इन विभागों में करीब 180 फैकल्टी व करीब 450 रेजिडेंट डॉक्टर हैं।
ये सभी रेजिडेंट डाक्टर रोबोटिक सर्जरी में प्रशिक्षित किए जाएंगे। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि एम्स से प्रशिक्षित सर्जन देश के विभिन्न हिस्सों में सेवाएं देते हैं। इसलिए एम्स से प्रशिक्षण लेने के बाद जब रेजिडेंट डॉक्टर जब दूसरी जगह जाएंगे तो देश में रोबोटिक मशीन की मांग बढ़ेगी। इससे आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी का खर्च कम होगा।
*हर वर्ष बाहर के 40 डॉक्टर होंगे प्रशिक्षित*
एम्स के अनुसार पहले संस्थान के फैकल्टी व रेजिडेंट डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 से 20 के बैच में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। संस्थान के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के बाद एम्स हर वर्ष बाहर के 40 डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी का प्रशिक्षण भी देगा।
*एम्स हटाएगा अस्थायी झोपड़ियां*
एम्स अपने परिसर स्थित शिव रोड के किनारे बनी अस्थायी झोपड़ियों को हटाएगा। इस संबंध में एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि शवगृह के पीछे शिवा रोड के किनारे बिजली सबस्टेशन की तरफ बहुत सारी अस्थायी झोपड़ियां मौजूद हैं। ऐसा लगता है कि अतीत में एम्स नई दिल्ली में काम करने वाले विभिन्न ठेकेदारों ने इन झोपड़ियों का निर्माण अवैध रूप से किया है। एम्स परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे तुरंत हटाने की जरूरत है। इसके अलावा ट्रक लॉन्ड्री के सामने भी दिक्कत है। जिससे सड़क पर यातायात अवरुद्ध हो रहा है।
एम्स के शवगृह में आने वाले लोगों को उक्त सड़क पर खड़ा होना पड़ता है और साथ ही शवगृह के पास उनके लिए कोई उपयुक्त प्रतीक्षालय नहीं होता है। ऐसे में इन अस्थायी झोपड़ियों को तुरंत हटाया जाएगा। लॉन्ड्री और शवगृह के बीच सड़क को जोड़ने के लिए शिवा रोड से एक पहुंच बनाई जाएगी। इसके अलावा, लगभग एक अस्थायी प्रतीक्षा क्षेत्र भी बनाया जाएगा। मुर्दाघर और लॉन्ड्री बिल्डिंग के बीच 20-30 पैक्स क्षमता बनाई जाएगी ताकि शवगृह में आने वाले आगंतुक वहां प्रतीक्षा कर सकें। यहां पर प्रतीक्षा करने वालों के लिए पीने का पानी, शौचालय आदि की सुविधा होगी और उक्त क्षेत्र की सुरक्षा सीसीटीवी कवरेज द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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