खेकड़ा, 18 फरवरी 2024 (यूटीएन)। होली की तैयारी शुरू हो गई है। कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अब इसका नशा भी चढ़ने लगा है। बच्चे व युवा होलिका के लिए लकड़ी जमा करने में जुट गए हैं। साथ ही रात्रि में ढोल नगाड़े व कलंगी के साथ ही होली गायन भी होने लगे हैं। उमंग और मस्ती के त्योहार होली में अब केवल सात दिन बाकी रह गए हैं। तहसील क्षेत्र के गांव देहात में होली का रंग चढ़ने लगा है। गत 25 फरवरी से फाल्गुन माह लगने के साथ ही होली के रंगों की महक हवाओं में बहने लगी थी।
फाल्गुन और बसंत की बयार के बीच रंगों का त्योहार होली युवा, बच्चे और बूढ़ों के लिए दोगुना उत्साह लेकर आया है। होली की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। हर साल की तरह इस साल भी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन 24 मार्च की रात्रि में सूखी लकड़ी से होलिका सजेगी। दिन में उपलों के साथ पूजा-अर्चना के बाद रात्रि में होलिका दहन होगा। बाबा कालेसिंह मंदिर के पुजारी पंडित अनिल गौनियाल का कहना है कि, देवी-देवता का रूप मानकर सूखी लकड़ियों को स्थापित करके होलिका दहन करते हैं। धुलेंड़ी पर इसी होलिका की राख को रंगकर ही होली खेलने की शुरुआत होती है।
कस्बे के कई मोहल्लों में इसके लिए लकड़ी इकट्ठा करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। युवाओं ने इसकी शुरूआत कर दी है। वे छोटी-छोटी टोलियों में इकट्ठा होकर होलिका दहन के लिए ढेर सारी लकड़ियां इकट्ठी कर रहे हैं। होली पर्व के स्वागत में साथ रात्रि में ढोल नगाडे बजने शुरू हो चुके है। देर रात तक लोग संगीत का आनंद ले रहे हैं। शहर में करीब आधा दर्जन स्थानों पर जलेगी होली, जिनमें तांगा स्टेंड, फखरपुर मार्ग, जैन कालेज मार्ग, रामपुर मौहल्ला, अहिरान मौहल्ला, भूमिया, बसी मार्ग आदि स्थानों पर होली स्थापित हो रही है। 24 मार्च को दिन में पूजन रात्रि में दहन होगा।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |