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एम्स की नई पहल, एक क्लिक पर मिलेगा मरीजों की बीमारी का पूरा ‘रिकॉर्ड

केंद्र सरकार की नीतियों पर अमल करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इ

नई दिल्ली, 05 मई 2023 (यूटीएन)।  केंद्र सरकार की नीतियों पर अमल करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत मरीजों के इलाज संबंधित व्यवस्थाओं को आसान बनाने के लिए अब दिल्ली एम्स में इलाज कराने वाले मरीजों का आभा आईडी बनाया जाएगा. इस हेल्थ अकाउंट के माध्यम से मरीजों के चल रहे इलाज से संबंधित सभी डिटेल  एम्स सहित दूसरे अस्पतालों में भी आसानी से देखा जा सकेगा. आभा आईडी के तहत क्यूआर कोड दिया जाएगा,
जिसके माध्यम से मरीजों का मेडिकल हिस्ट्री संबंधित सभी डिटेल दूसरे चिकित्सा संस्थानों में भी एक क्लिक पर मौजूद होगा. इसका लाभ यह होगा कि अभी तक एक जगह से दूसरी जगह इलाज कराने के दौरान मरीजों को रिपोर्ट सहित अन्य मेडिकल दस्तावेजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना पड़ता है, जो अब नहीं ले जाना पड़ेगा. कोई भी अस्पताल और चिकित्सक जरूरत पड़ने पर मरीज का मेडिकल हिस्ट्री एक क्लिक के जरिए जान पाएंगे. इसके अलावा, कभी-कभी गंभीर पस्थितियों में भूलवश रिपोर्ट ना होने की वजह से उपचार में भी देरी होती है और मरीजों के परिजनों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है.
*2022 में हुई थी आभा आईडी की शुरुआत*
दिल्ली एम्स के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आभा आईडी यानी आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट योजना के तहत हर मरीज का मेडिकल हिस्ट्री बनाया जाएगा. मेडिकल हिस्ट्री में मरीजों के उपचार संबंधित सभी रिकॉर्ड और डिटेल मौजूद होंगे. बता दें कि साल 2022 में इस आभा आईडी खोलने की शुरुआत की गई थी, लेकिन कुछ तकनीकी कमियों की वजह से यह व्यवस्था आगे जारी न रह सका लेकिन एक बार फिर से इस पहल की शुरुआत की गई है.
*कहीं पर भी देख सकेंगे मरीज की मेडिकल हिस्ट्री* अक्सर मरीजों द्वारा अपने रोगों के उपचार के लिए एक चिकित्सा संस्थाओं के अलावा दूसरे चिकित्सा संस्थाओं में भी संपर्क किया जाता है. इस दौरान मेडिकल रिपोर्ट से लेकर सभी रिकॉर्ड संबंधित डिटेल को व्यवस्थित करना भी एक बड़ी चुनौती होती है. आभा आईडी के माध्यम से मरीज के सभी रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में एक जगह पर मौजूद रहेंगे और भविष्य में आभा आईडी पर मौजूद स्कैन व क्यूआर कोड के माध्यम से किसी भी अन्य चिकित्सा संस्थानों में मरीजों के रिकॉर्ड  देखे जा सकेंगे, जिससे मरीजों को काफी सुविधा होगी.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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