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देश की 130 करोड़ की आबादी एक बड़ा बोझ नहीं, बल्कि ये एक बहुत बड़ा बाजार है: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की 130 करोड़ की आबादी एक बड़ा बोझ नहीं, बल्कि ये तो एक बहुत बड़ा बाजार है।

नई दिल्ली, 28 मार्च  2023 (यूटीएन)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की 130 करोड़ की आबादी एक बड़ा बोझ नहीं, बल्कि ये तो एक बहुत बड़ा बाजार है। 2025 तक भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा.मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगभग 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 91 हजार किलोमीटर थी, जो आज बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को कम किए बिना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट संभव ही नहीं था। वे यहां एसोचेम के वार्षिक सत्र ‘भारत@100 समावेशी एवं टिकाऊ वैश्विक वृद्धि की राह’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
गृह मंत्री ने कहा कि भारत का विकास तभी हो सकता है, जब पूरा भारत इसके लिए प्रयास करे। जब तक भारत का सर्वसमावेशी विकास नहीं होता है, हम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते हैं। कई लोग 130 करोड़ की आबादी को एक बहुत बड़ा बोझ मानते हैं, लेकिन ये एक बहुत बड़ा बाजार है। जब तक भारत के कोने-कोने में विकास का प्रयास नहीं होता है, तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। भारत के राजनीतिक मानचित्र का एनालिसिस करें तो देखते हैं कि एक केंद्र सरकार, 28 राज्य सरकारें, दो यूटी की सरकारें, छह यूटी, लगभग ढाई लाख लोकल बॉडीज, 30-31 लाख चुने हुए जनप्रतिनिधि, 6 लाख 40 हजार गांव और उनकी पंचायतें, जिला पंचायतें, म्युनिसिपालिटी और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन मिलकर हमारे प्रशासनिक ढांचे का निर्माण करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नौ वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। देश के हर कोने में एक समान प्रकार की ऊर्जा का अनुभव होता है। भारत ने 59 स्थानों पर जी-20 की बैठकें आयोजित करने की योजना बनाई है। मोदी सरकार ने एक साथ मिलकर चलने की अप्रोच न अपनाई होती तो हम कभी भी कोरोना जैसी महामारी से लड़कर सफलता से बाहर नहीं निकल पाते। डिजिटल इंडिया के माध्यम से वर्ष 2022 में कुल 8840 करोड़ डिजिटल ट्रांज़ेक्शंस देश में हुए हैं। इनमें यूपीई की हिस्सेदारी 52 फीसदी है। इनका कुल मूल्य 126 लाख करोड़ रुपये है। भारत के 99 फीसदी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। भारतनेट से देश की 1.90 लाख पंचायतें जुड़ चुकी हैं। 6 लाख 998 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पिछले 6 सालों में किया गया है।
2014 में ब्रॉडबैंड कनेक्शन 6.1 करोड़ थे, सितंबर 2022 में बढ़कर 82 करोड़ हो गए हैं। अमित शाह ने कहा, 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 91 हजार किलोमीटर थी, जो आज बढ़ कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को कम किए बिना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट संभव ही नहीं था। मोदी सरकार ने बहुत दूरदृष्टि के साथ लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को 5 सालों में नीचे लाने का लक्ष्य रखा है। 30 वर्षों बाद 2014 में देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, जिसमें जनता का बहुत बड़ा योगदान रहा। ये कालखंड भारत के लोकतंत्र के इतिहास में राजनीतिक स्थिरता के कालखंड के रूप में जाना जाएगा। देश में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की स्थिति भी बेहद मजबूत हुई है। नॉर्थ ईस्ट से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात के कच्छ तक इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए अनुकूल माहौल बना है।
नई शिक्षा नीति, नई ड्रोन नीति, नई स्वास्थ्य नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, कॉमर्शियल कोल माइनिंग की नीति, मेक इन इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया नीतियों ने सभी पैरामीटर्स को पूरी तरह से बदल दिया है।
मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से देश के स्थानीय उद्योगों को मज़बूती देने का वातावरण तैयार किया। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के सामने दो लक्ष्य रखे हैं। पहला 2047 तक भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र हो और दूसरा भारतीय अर्थव्यवस्था को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाना। मोदी सरकार ने इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक मजबूत नींव डाल दी है। मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया है। 2022-23 के 10 महीनों का औसत जीएसटी कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ रुपए रहा है। केंद्र सरकार ने 48 करोड़ बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 53 मंत्रालयों की 310 से अधिक योजनाओं का 24 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि, सीधी ट्रांसफर की है।
पहले देश के बजट में डेफेसिट को छुपाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे नियंत्रित कर अर्थव्यवस्था के पैरामीटर के अंदर लाने का काम किया है। पांच वर्ष बाद भारत में लॉजिस्टिक्स लागत अभी के 13 फीसदी से घटकर 7.5 फीसदी पर आ जाएगी। मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगभग 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। अमित शाह ने निवेशकों का आह्वान करते हुए कहा कि निवेशक जम्मू कश्मीर में पालिसी और ला एंड आर्डर में निवेश करें. उन्‍होंने घाटी में आई अनुकूल परिस्थितियों का जिक्र किया. उन्‍होंने वित्त जगत के प्रतिनिधियों से कहा कि 2014 से पहले की सरकार में प्रधानमंत्री को कोई भी पीएम नहीं मानता था लेकिन जैसे ही मोदी सरकार बनी, लोगों का भरोसा बढ़ा. उन्होंने कहा कि निवेशक जम्मू कश्मीर में पालिसी और ला एंड आर्डर में निवेश करें. उन्‍होंने घाटी में आई अनुकूल परिस्थितियों का जिक्र किया. उन्‍होंने वित्त जगत के प्रतिनिधियों से कहा कि 2014 से पहले की सरकार में प्रधानमंत्री को कोई भी पीएम नहीं मानता था लेकिन जैसे ही मोदी सरकार बनी, लोगों का भरोसा बढ़ा.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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