बागपत,29 मार्च 2025 (यूटीएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाइड लाइन और केंद्रीय मंत्री तथा रालोद सुप्रीम द्वारा मुस्लिमों को ईद की नमाज़ को ईदगाह के बाहर सडक पर पढने देने की वकालत में विरोधाभास पर राजनीतिक हल्कोंं में इसपर जोरदार चर्चा होने लगी है। बता दें कि, विगत दो सप्ताह के भीतर दूसरी बार राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी के मुस्लिम समर्थक रुख ने उत्तर प्रदेश में हलचल मचा दी है। ऐसे में जहां रालोद सुप्रीम का मुस्लिम प्रेम उभर कर सामने आया है , वहीं भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व का राग जगजाहिर है।
मेरठ पुलिस की चेतावनी के बारे में थी कि, अगर कोई भी व्यक्ति सड़कों पर नमाज पढ़ता हुआ पाया गया ,तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और उसके पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं। ईद के जश्न से ठीक पहले पुलिस के निर्देश के बाद जयंत चौधरी ने रहस्यमय तरीके से उत्तर प्रदेश की मौजूदा स्थिति की तुलना जॉर्ज ऑरवेल के मशहूर उपन्यास ‘1984’ में वर्णित राजनीतिक व्यवस्था से की, जिसमें सरकार, लोगों के जीवन के हर हिस्से को नियंत्रित करने की कोशिश करती है। रालोद के कई पदाधिकारियों का दावा है कि, जयंत चौधरी जाट-मुस्लिम एकता के अपने प्रयासों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं।
एक वरिष्ठ रालोद नेता ने कहा कि, पिछले साल मार्च में जयंत के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने के बाद से कई मुसलमानों ने क्षेत्र में पार्टी से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन उन्हें और उनके साथ समाज को रालोद का हिस्सा बनाए रखने की कवायद एनडीए में शामिल होने के समय से ही जारी है। ऐसे में भाजपा की चाहे जो मजबूरी हो, रालोद सामाजिक सौहार्द कायम रखने में अपनी नीतियों से कभी समझौता नहींं करेगी।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |