नई दिल्ली, 12 मार्च 2025 (यूटीएन)। भाजपा सदस्य अशोक मोहंती ने कहा कि कांग्रेस सदस्य द्वारा सीमा पार करने के बाद अध्यक्ष ने कार्रवाई की। कांग्रेस विधायक अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए, मंत्री की सीट पर पहुंचे और सदन में जवाब देने के दौरान उन्हें परेशान किया। शहरी विकास मंत्री केसी महापात्रा ने कहा कि मैंने बहिनीपति से कहा कि आप एक वरिष्ठ सदस्य हैं और मैं अध्यक्ष के निर्देशानुसार सदन में जवाब दे रहा हूं। मैं अध्यक्ष के निर्देश की अवहेलना नहीं कर सकता। इसके बजाय उन्होंने मेरा माइक्रोफोन तोड़ने का प्रयास किया।
कांग्रेस विधायक कार्रवाई का विरोध करते हुए सदन के वेल में धरने पर बैठ गए। बहिनीपति ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यक्ष ने मुझे अवैध रूप से निलंबित कर दिया है। मुझ पर भाजपा सदस्यों ने हमला किया, लेकिन उन्होंने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अध्यक्ष पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं।
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस विधायकों में हाथापाई हो गई। इसके बाद सदन में हो रहे हंगामे के बाद अध्यक्ष सुरमा पानी ने दुर्व्यवहार को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति को सात दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
सरकार की मुख्य सचेतक सरोज प्रधान कांग्रेस विधायक के खिलाफ नोटिस का प्रस्ताव दिया। इसे सदन ने स्वीकार कर लिया। सोमवार को ओडिशा विधानसभा में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश की थी और वहां माइक्रोफोन तोड़ दिया था।
इसके बाद मंगलवार को भी कांग्रेस विधायक ने बार-बार सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा किया। इसके बाद अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक को निलंबित करने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने केवल सत्ता पक्ष की बात सुनी और विपक्षी सदस्यों पर हमले को नजरअंदाज कर दिया।
हमें बोलने का मौका नहीं दिया गया और जब सरकार द्वारा लाया गया प्रस्ताव स्वीकार किया गया तो मत विभाजन की अनुमति नहीं दी गई। यह अलोकतांत्रिक है। विपक्षी कांग्रेस और बीजद ने भी विधायक बहिनीपति के निलंबन की निंदा की। इससे पहले कांग्रेस विधायक दल सीएलपी के नेता राम चंद्र कदम ने अध्यक्ष को एक पत्र दिया था।
इसमें कुछ भाजपा विधायकों के नाम थे, जिन्होंने कथित तौर पर कांग्रेस सदस्यों पर हमला किया था। कदम ने कहा था कि मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि वे घटना के वीडियो क्लिप की जांच करें और अपना फैसला सुनाने से पहले मंत्री और सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।
उन्होंने आरोप लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग, वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्रा,बाबू सिंह, रघुराम माछा और भाजपा के कुछ विधायक सुनियोजित तरीके से वेल में पहुंचे और हाथापाई शुरू कर दी तथा अध्यक्ष के समक्ष विरोध कर रहे कांग्रेस विधायकों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि हमारा अध्यक्ष का अनादर करने का कोई इरादा नहीं है। हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को व्यक्त कर रहे हैं।