Thursday, December 25, 2025

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निजी टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देने के लिए तैयार बीएसएनएल

सरकार टेलीकॉम कंपनी अपनी नेटवर्क क्षमता को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है, दूरसंचार विभाग ने आगामी वित्त वर्ष में बीएसएनएल की बेस स्टेशन क्षमता करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है।

नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। निजी टेलीकॉम कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएएनएल) अपने नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। सरकार टेलीकॉम कंपनी अपनी नेटवर्क क्षमता को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है। दूरसंचार विभाग ने आगामी वित्त वर्ष में बीएसएनएल की बेस स्टेशन क्षमता करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, सरकारी टेलीकॉम कंपनी के लिए 23,000 नई बेस स्टेशन साइट्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद बीएसएनएल के कुल बेस स्टेशन की संख्या बढ़कर करीब 1.23 लाख हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस विस्तार योजना के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत होगी, जिसे मंजूरी दिलाने के लिए प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेज दिया गया है। नेटवर्क विस्तार से बीएसएनएल की सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार होने की उम्मीद है।
सूत्रों का कहना है कि, बीएसएनएल को निजी टेलीकॉम कंपनियों से मुकाबला करने के लिए अपने नेटवर्क कवरेज को तेजी से बढ़ाना होगा। इसी वजह से 23,000 नए बेस स्टेशन लगाने की योजना बनाई गई है। फिलहाल बीएसएनएल के पास करीब एक लाख बेस स्टेशन साइट हैं, जबकि निजी कंपनियों के पास 3.5 लाख से ज्यादा साइट मौजूद हैं, जिससे दोनों के बीच बड़ा अंतर बना हुआ है। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी केंद्रीय मंत्रिमंडल से अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही नए बेस स्टेशनों के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक बीएसएनएल में अब बड़े बदलाव दिख रहे हैं। कंपनी की आमदनी बढ़ी है और जमीन जैसी संपत्तियों से भी उसे आय हो रही है। हालांकि, नेटवर्क को तेजी से विस्तार देने के लिए सरकार की कैबिनेट मंजूरी जरूरी होगी। हाल ही में संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने लोकसभा में बताया कि 31 अक्टूबर तक बीएसएनएल ने 4जी और 5जी सेवाओं के लिए तय 1 लाख साइटों में से 97,068 जगहों पर 4जी बेस स्टेशन लगा दिए हैं। इनमें से 93,511 साइट्स पर सेवाएं शुरू भी हो चुकी हैं। नेटवर्क विस्तार के लिए मांगा गया अतिरिक्त फंड बीएसएनएल की 47,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत खर्च योजना का हिस्सा है। इस योजना का ऐलान सरकार ने अगस्त में किया था, जिसका मकसद 4जी से 5जी कवरेज को मजबूत करना है।
इस साल अगस्त में राज्य मंत्री ने लोकसभा को बताया था कि सरकार ने वर्ष 2025 के लिए बीएसएनएल को 6,982 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की मंजूरी दी है। यह राशि उस बड़े वित्तीय पैकेज से अलग है, जो सरकार 2019 से अब तक बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से देती आ रही है। सरकार अब तक कुल 3.22 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता बीएसएनएल को दे चुकी है। इसमें 2022 में 1.64 लाख करोड़ रुपये और 2023 में 89,000 करोड़ रुपये का 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन भी शामिल है। इस वित्तीय समर्थन का मकसद बीएसएनएल की नेटवर्क क्षमता बढ़ाना और उसे निजी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले मजबूत बनाना है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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निजी टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देने के लिए तैयार बीएसएनएल

सरकार टेलीकॉम कंपनी अपनी नेटवर्क क्षमता को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है, दूरसंचार विभाग ने आगामी वित्त वर्ष में बीएसएनएल की बेस स्टेशन क्षमता करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है।

नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। निजी टेलीकॉम कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएएनएल) अपने नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। सरकार टेलीकॉम कंपनी अपनी नेटवर्क क्षमता को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है। दूरसंचार विभाग ने आगामी वित्त वर्ष में बीएसएनएल की बेस स्टेशन क्षमता करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, सरकारी टेलीकॉम कंपनी के लिए 23,000 नई बेस स्टेशन साइट्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद बीएसएनएल के कुल बेस स्टेशन की संख्या बढ़कर करीब 1.23 लाख हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस विस्तार योजना के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत होगी, जिसे मंजूरी दिलाने के लिए प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेज दिया गया है। नेटवर्क विस्तार से बीएसएनएल की सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार होने की उम्मीद है।
सूत्रों का कहना है कि, बीएसएनएल को निजी टेलीकॉम कंपनियों से मुकाबला करने के लिए अपने नेटवर्क कवरेज को तेजी से बढ़ाना होगा। इसी वजह से 23,000 नए बेस स्टेशन लगाने की योजना बनाई गई है। फिलहाल बीएसएनएल के पास करीब एक लाख बेस स्टेशन साइट हैं, जबकि निजी कंपनियों के पास 3.5 लाख से ज्यादा साइट मौजूद हैं, जिससे दोनों के बीच बड़ा अंतर बना हुआ है। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी केंद्रीय मंत्रिमंडल से अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही नए बेस स्टेशनों के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक बीएसएनएल में अब बड़े बदलाव दिख रहे हैं। कंपनी की आमदनी बढ़ी है और जमीन जैसी संपत्तियों से भी उसे आय हो रही है। हालांकि, नेटवर्क को तेजी से विस्तार देने के लिए सरकार की कैबिनेट मंजूरी जरूरी होगी। हाल ही में संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने लोकसभा में बताया कि 31 अक्टूबर तक बीएसएनएल ने 4जी और 5जी सेवाओं के लिए तय 1 लाख साइटों में से 97,068 जगहों पर 4जी बेस स्टेशन लगा दिए हैं। इनमें से 93,511 साइट्स पर सेवाएं शुरू भी हो चुकी हैं। नेटवर्क विस्तार के लिए मांगा गया अतिरिक्त फंड बीएसएनएल की 47,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत खर्च योजना का हिस्सा है। इस योजना का ऐलान सरकार ने अगस्त में किया था, जिसका मकसद 4जी से 5जी कवरेज को मजबूत करना है।
इस साल अगस्त में राज्य मंत्री ने लोकसभा को बताया था कि सरकार ने वर्ष 2025 के लिए बीएसएनएल को 6,982 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की मंजूरी दी है। यह राशि उस बड़े वित्तीय पैकेज से अलग है, जो सरकार 2019 से अब तक बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से देती आ रही है। सरकार अब तक कुल 3.22 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता बीएसएनएल को दे चुकी है। इसमें 2022 में 1.64 लाख करोड़ रुपये और 2023 में 89,000 करोड़ रुपये का 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन भी शामिल है। इस वित्तीय समर्थन का मकसद बीएसएनएल की नेटवर्क क्षमता बढ़ाना और उसे निजी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले मजबूत बनाना है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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