नई दिल्ली, 28 मार्च 2023 (यूटीएन)। भारत के नियंत्रक एवं
महालेखापरीक्षक (कैग) ने संकेत दिया है कि मौजूदा तोपों को अत्याधुनिक तोपों से बदलने का काम पिछले दो दशकों से धीमी गति से चल रहा है। केंद्र सरकार (रक्षा सेवाएं) – सेना और आयुध कारखानों पर कैग की रिपोर्ट सोमवार को दोनों सदनों में पेश की गई। इसमें रक्षा विभाग, सेना, इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन जैसे कि सैन्य अभियंता सेवाएं, कैंटीन भंडार विभाग से संबंधित मार्च 2020 को समाप्त वर्ष के लिए लेन-देन के ऑडिट के
परिणाम शामिल हैं। सीएजी ने आर्टिलरी गन सिस्टम के अधिग्रहण सहित अन्य क्षेत्रों में अपने निष्कर्षों को साझा किया है। बयान में कहा गया है कि।
इन्हें बदलने के कुल छह प्रस्तावों में से केवल तीन ही समझौते के चरण तक पहुंच सके। इस रिपोर्ट में मार्च 2020 को समाप्त वर्ष के लिए रक्षा विभाग, भारतीय सेना, सैन्य इंजीनियर सेवा
(एमईएस), कैंटीन स्टोर विभाग (सीएसडी) आदि जैसे अंतर-सेवा संगठनों, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रक्षा मंत्रालय के तहत आयुध कारखानों से संबंधित लेनदेन के ऑडिट के परिणाम शामिल हैं। सीएजी ने इस रिपोर्ट में अन्य क्षेत्रों में आर्टिलरी गन सिस्टम के अधिग्रहण पर अपने
निष्कर्षों को भी साझा किया है। बयान में कहा गया कि मौजूदा तोपों को अत्याधुनिक तोपों से बदलने का काम पिछले दो दशकों से धीमी गति से चल रहा है। इसमें आगे कहा गया है।
कि आर्टिलरी गन की खरीद/उन्नयन के छह प्रस्तावों में से केवल तीन
अनुबंधों में परिणत हुए, जो अधिग्रहण के लिए नियोजित आर्टिलरी गन की कुल संख्या का 17 प्रतिशत था। अधिग्रहण प्रक्रिया को खरीद के विभिन्न चरणों में देरी का सामना करना पड़ा। इसमें कहा गया है कि विक्रेताओं द्वारा गुणात्मक आवश्यकताओं के लिए खराब प्रतिक्रिया/गैर-अनुपालन के कारण प्रस्ताव के लिए अनुरोध
(आरएफपी) जारी किए गए, वापस ले लिए गए और फिर से जारी किए गए। कैग के बयान के अनुसार, अन्य निष्कर्षों में कहा गया है कि देश के 62 छावनी बोर्डों (सीबी) में से 13 के ऑडिट में बोर्ड द्वारा अपने निवासियों को प्रदान की जाने वाली नागरिक सुविधाओं में कई कमियों का पता चला है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |