गढ़वा, 12 मार्च 2023 (यूटीएन)। जिले के कांडी प्रखंड व
अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगने से यहां कार्यरत पदाधिकारी व कर्मी बेलगाम हो गए हैं। कांडी प्रखंड व अंचल कार्यालय की घूसखोरी की लिस्ट बनी तो यह जिले में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में अव्वल होगा। भ्रष्टाचार की चक्की में प्रखंड की निरीह जनता पीस रही है। उक्त बातें स्वयं सेवी संस्था दृष्टि यूथ
ऑर्गनाइजेशन के प्रधान सचिव सह समाजसेवी शशांक शेखर ने अपने
डुमरसोता गांव स्थित अवास पर शनिवार देर शाम प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहि। उन्होंने कहा कि
गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड व अंचल कार्यालय में
भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि वृद्धा-विधवा व विकलांग पेंशन, मृत्यु प्रमाण पत्र, पीएम आवास के लिए भी अलग-अलग काम का अलग-अलग रेट से
रिश्वत की वसूली की जाती है।
जमीन मोटेशन के लिए बिना 6 से 7 हजार रुपए घुस लिए
काम नहीं किया जाता। अगर किसी पीएम आवास लाभुक का पहले से पक्का मकान है।
या उसके घर में किसी का आवास पूर्व में बना हुआ है तो
लाभुक को नाम काटने के नाम पर ब्लैकमेल कर 10 से 15 हजार रुपए रिश्वत लिए जाते हैं। हर जरूरत की लाभ के लिए गरीबों से रिश्वत लेने के अलावा कई बार ब्लॉक बुला कर परेशान किया जाता है।
एक दिहाड़ी गरीब मजदूर व्यक्ति कार्यालय के बाबुओं को रिश्वत देने के
लिए बच्चों की पढ़ाई की फीस व इलाज से कटौती कर उनका पॉकेट गरम करता है। समाजसेवी ने डाटा प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रखंड व अंचल कार्यालय में काम के एवज में कर्मियों के द्बारा जमीन
मोटेशन के लिए 5-6 हजार, जमीन सीमांकन में 4-5हजार, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र में
2-3 हजार, ऑनलाइन खतियान में नाम सुधार के नाम पर एक से डेढ़ हजार, आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के लिए पांच सौ से एक हजार रुपये बतौर घुस की रेट
फिक्स है। उन्होंने बताया कि
भवनाथपुर प्रखंड से कट कर कांडी में
शामिल तीन पंचायत डुमरसोता,
मझिगांवा व हरिहरपुर के लोगों को सुखा राहत योजना का लाभ नहीं मिला पाया। किसान सम्मान निधि योजना में उचित किसानों को लाभ नही मिलना।
उसके बदले ऑपरेटर के
द्वारा पैसे लेकर भूमिहीन किसानों को लाभ पहुंचाया गया। उसी तरह 15 वें वित्त योजना, नया राशन कार्ड बनवाने व नाम जोड़ने के लिए खुलेआम पैसे की अवैध वसूली किया जाना आम बात हो गयी है। उन्होंने गढ़वा उपायुक्त के नाम एक आवेदन व रिश्वत दिए लोगों का नाम व राशि का जिक्र करते हुए 10 दिनों का
अल्टीमेटम दिया है। लाभुकों के पैसे
वापस करने व प्रखंड व अंचल कर्मी पर कड़ी
कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही समाजसेवी ने वैसे कुछ लोगों के नाम फोन नंबर के साथ सूची जारी किया है, जिसने काम के लिए मोटी रकम
रिश्वत के रूप में अंचल कार्यालय के विभिन्न कर्मियों को दिया है। पतरिया पंचायत के चौखडी निवासी दिनेश यादव ने जमीन मोटेशन के लिए अंचल कर्मचारी को
6500 रुपया दिया है। उसी गांव के
सत्यनारायण यादव ने मोटेशन के लिए सीआई को 14 हजार रुपए दिया है, जबकि 1 हजार और मांग रहे हैं। पतरिया पंचायत के ही चंद्रिका राम के पुत्र अनिल राम ने दो मोटेशन के नाम पर 9500 रुपया अंचल
कर्मचारी को दिया है। इस तरह हजारों की संख्या में लोग हैं,
जिनसे रिश्वत वसूल किये जाते हैं। प्रेस वार्ता में रंजन गुप्ता, संतोष कुमार सिंह सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित थे।
झारखंड- संवाददाता, (विवेक चौबे) |