नई दिल्ली, 14 मार्च 2023 (यूटीएन)। सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर है लेकिन जो खबर सामने आ रही है, वो सुखद नहीं है। दरअसल डीआरडीओ के 23 प्रोजेक्ट देरी से चल रहे हैं। मतलब ये प्रोजेक्ट तय समय पर पूरे नहीं हो सकेंगे और इनकी लागत भी बढ़ेगी। रक्षा राज्यमंत्री अजट भट्ट ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। अहम बात ये है कि जो प्रोजेक्ट देरी से चल रहे हैं, वो देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम हैं।
*उच्च प्राथमिकता वाले 23 प्रोजेक्ट तय डेडलाइन पर नहीं हो सकेंगे पूरे*
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लिखित जवाब दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के 55 उच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स में से 23 तय समय से देरी से चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 23 में से 9 प्रोजेक्ट की लागत भी काफी बढ़ गई है। उच्च प्राथमिकता वाले 55 प्रोजेक्ट्स में एंटी एयर फील्ड हथियार, सॉलिड फ्यूल वाला रैमजेट इंजन, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एंटी शिप मिसाइलें, लॉन्ग रेंज रडार, कॉम्बैट व्हीकल्स, अंडरवाटर व्हीकल्स, सबमरीन के लिए कॉम्बैट सूट्स आदि के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
*सेना में एक लाख से ज्यादा पद खाली*
रक्षा राज्यमंत्री ने ये भी बताया कि सेना में 1,35,743 पद खाली हैं, जिनमें से 8070 पद अधिकारियों के हैं। हालांकि एक जनवरी से 10 मार्च तक 19,678 पदों पर भर्तियां भी हुई हैं। खाली पदों में से 1,27,673 पद जूनियर कमीशंड अधिकारियों के हैं। जो भर्तियां हुई हैं, उनमें से 19065 पदों पर जेसीओ की और बाकी 613 पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। एक तरफ जहां डीआरडीओ के प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही है, वहीं स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। हालांकि बीते कुछ सालों में भारत की हथियार खरीद में 11 फीसदी की कमी आई है, जो कि भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का सबूत है लेकिन प्रोजेक्ट्स में देरी भारत की इस कोशिश को झटका दे सकती है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |