नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। शरीर की कोशिकाओं के अणु की संरचना में आने वाली खराबी का पता एम्स आसानी से लगा सकेगा। इसकी जांच के लिए संस्थान में सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। इनकी मदद से जांच के बाद बीमारी का कारण पता लगाकर सटीक इलाज संभव हो सकेगा। साथ ही भविष्य में इलाज की नीति व तकनीक भी बनाई जा सकेगी।
दरअसल, एम्स देश का पहला क्रायो-इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप सुविधा केंद्र विकसित कर रहा है। इसके लिए मौजूदा इलेक्ट्राॅन माइक्रोस्कोप सुविधा केंद्र को अपग्रेड किया जा रहा है। करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से नए उपकरण लगाए गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि एक साल बाद यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके बाद कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण पता लगाना आसान होगा।
एनाटमी विभाग के विशेषज्ञ डाॅ. सुभाष चंद्र यादव की माने तो यह नई तकनीक है। देश के किसी चिकित्सा संस्थान में पहली बार आएगी। इस तकनीक में 16 उपकरण होते हैं। क्रायो-इलेक्ट्राॅन माइक्रोस्कोपी जांच के लिए मरीजों के टिश्यू व ब्लाक के सैंपल को माइनस 196 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाता है। क्रायो-इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप 3 डी इमेजिंग तकनीक से लैस है।
इस तकनीक की मदद से कोशिकाओं के एक-एक अणु की संरचना और उसमें आई खराबी को समझ कर जांच कर पाना संभव होगा। कारण पता लगने के बाद मरीज का सटीक इलाज संभव हो सकेगा। साथ ही आने वाले समय में इसकी मदद से जांच व इलाज की नई तकनीक विकसित भी कर सकेंगे। विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा समय में इलेक्ट्राॅन माइक्रोस्कोप सुविधा केंद्र में किडनी, मस्कूलर, हृदय व आंख की बीमारियों की जांच होती है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |