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विकसित भारत के लिए एकता महत्वपूर्ण, अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से लें सीख: डॉ अमन कुमार

विविधता के रंगों से सजे भारत की यही तो विशेषता रही है कि, हर भारतीय के व्यक्तित्व में किसी एक अथवा अधिक सामाजिक विषय को लेकर संवेदना देखी जा सकती है।

बागपत, 30 मई 2023 (यूटीएन)। विविधता के रंगों से सजे भारत की यही तो विशेषता रही है कि, हर भारतीय के व्यक्तित्व में किसी एक अथवा अधिक सामाजिक विषय को लेकर संवेदना देखी जा सकती है। भारत अपनी स्वर्णिम आजादी के 75 वर्ष का जश्न मना चुका हहै, वहीं अब देश को नई संसद की सौगात मिलना भी गर्व की बात है, लेकिन हमें विकसित भारत के लक्ष्य को इन उपलब्धियों के बीच नहीँ भूलना चाहिए और देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य इंडिया @2047 में सहभागी बनने के अवसरों पर चर्चा करनी चाहिए। यह कहना है बाल तकनीकी विशेषज्ञ डा अमन कुमार का, जिन्हें दो दिन पहले आस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय द्वारा डाक्टरेट की मानद उपाधि दी थी |
उन्होंने कहा कि, देश के सामाजिक संगठनों में भी विविधता देखने को मिलती है। किसी मुद्दे विशेष को लेकर एक शहर में सैकड़ों संस्थाएं और बड़े शहर में तो इससे भी ज्यादा संस्थाएं पंजीकृत होती हैं, लेकिन उनके प्रयास असंगठित होते हैं, जो अनूठे बोले जा सकते हैं, यही कारण है कि, उनका सामाजिक प्रभाव न्यूनतम होता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विकसित भारत के स्वप्न को साकार बनाने में जो महत्वपूर्ण एवं अनदेखी कड़ी है, वो है एकता और सहकार्यता की। यह एकता का मूल्य हमें वैश्विक स्तर पर निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों में भी देखने को मिलता है, जिसमें 17वां लक्ष्य पार्टनरशिप फॉर द गोल्स निर्धारित किया गया, जो कोई लक्ष्य न होकर एक मूल्य हैं, जिसको सतत विकास लक्ष्यों को पाने के लिए
अभ्यास में लाया जा रहा है। कहा कि, एकता के मूल्य को हर स्थान और प्रासंगिकता में व्यवहार में लाया जा सकता है।
परिवार में सभी सदस्यों द्वारा एकता के साथ सबसे निर्बल व्यक्ति के विकास और आत्मविश्वास बढ़ाने को कार्य करने से लेकर समाज/समुदाय में मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाने तक, स्कूल में क्लासरूम के सबसे डरे सहमे विद्यार्थी के उत्साहवर्धन के लिए शिक्षक एवं सहपाठियों के साथ मिलकर कार्य करने से लेकर कार्यक्षेत्र में सहकर्मी को मदद पड़ने पर तकनीकी अथवा अन्य सहयोग करने तक एकता की भावना को मजबूती दी जा सकती है। कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर लालकिले के प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हुए पंच प्राण का सिद्धांत दिया, जिसमें एकता भी एक महत्वपूर्ण घटक है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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