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योग के चमत्कार: ‘महज 30 मिनट के योग से आनुवंशिक रोग की घट जाती है आशंका

योग की मदद से दिमाग में ऐसे रसायन रिलीज होते हैं जो विकार को दूर करने में सहायक होते हैं। ये दिमाग में न्यूरोप्लास्टी, बीडीएनएफ मेलाटोनिन को बढ़ाता है।

नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। दिन में 25 से 30 मिनट योग करने से शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार आता है। साथ ही परिवार में होने वाले आनुवंशिक रोग की आशंकाएं घट जाती हैं। यह दावा है एम्स में हुए शोध का। इसे लेकर एम्स के एनाटॉमी विभाग में साल 2008 से अध्ययन किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित योग करने से दिमाग में न्यूरॉन की मात्रा बढ़ती है। साथ ही न्युरोप्लास्टिसिटी बढ़ता है। जो भावनात्मक लचीलापन को बढ़ता है। इसकी मदद से कई तरह के रोग होने की आशंका कम हो जाती है।
साथ ही व्यक्ति में गंभीर और जटिल परिस्थिति को झेलने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा शोध से पता चला है कि नियमित योग करने से काला मोतिया, गठिया, बांझपन, तनाव, नींद की कमी, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), मोटापा सहित दूसरे रोग भी घटते हैं। एम्स के एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा का कहना है कि डॉक्टरों की सलाह पर उपयुक्त योग करने से न केवल शुक्राणु के मात्रा में सुधार होता है। बल्कि उनके बच्चों में होने वाली आनुवंशिक रोग की आशंका भी कम हो सकती है।
योग की मदद से दिमाग में ऐसे रसायन रिलीज होते हैं जो विकार को दूर करने में सहायक होते हैं। ये दिमाग में न्यूरोप्लास्टी, बीडीएनएफ मेलाटोनिन को बढ़ाता है। वहीं सामान्य लोग यदि नियमित योग करते हैं तो किसी भी तरह के दूसरे रोग होने की आशंका कम हो जाती है। 
*इन रोग में दिखा असर*
  • – शुक्राणु में सुधार
  • – आनुवंशिक रोग
  • – महिलाओं में बांझपन
  • – काला मोतिया
  • – गठिया
  • – तनाव
  • – नींद की कमी
  • – पीसीओएस 
  • – मोटापा
*बच्चों में बढ़ रहा है तनाव*
डॉ. दादा के अनुसार कोरोना महामारी के बाद से बच्चों और लोगाें में तनाव का स्तर काफी बढ़ा है। अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि पहले 60 से 70 साल की उम्र के लोगों में तनाव के जो लक्षण देखने को मिलते थे। वह अब स्कूल में जाने वाले छोटे बच्चों में भी हैं। खराब जीवन शैली के कारण बच्चों और युवाओं में उच्च रक्तचाप, मधुमेह व दूसरे रोग बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है। 
*बढ़ रहे हैं ऑटोइम्यून विकार*
समय के साथ खराब हुए जीवन शैली के कारण ऑटोइम्यून विकार और मानसिक तनाव तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें शरीर अपने ही सामान्य कोशिकाओं पर हमला कर देता है। इसे रोकने के लिए जीवन शैली में सुधार करना आवश्यक है। खाने में नमक, शुगर, तला हुआ खाना, जंक फूड सहित दूसरे उत्पाद से दूरी बनानी चाहिए। अध्ययन से पता चला कि खराब जीवन शैली के कारण मधुमेह, तनाव, उच्च रक्तचाप सहित दूसरे रोग बढ़े हैं। नियमित रूप से योग करने पर इन सभी रोगों में बहुत लाभ होता है।  
*योग बच्चों में दूर करता है मानसिक रोग*
मौजूदा समय में स्कूल जाने वाले बच्चों में मानसिक रोग बढ़े हुए मिल रहे हैं। ऐसे रोग को कम करने या खत्म करने में योग मददगार साबित हुए हुए हैं। इसके अलावा याद रखने की क्षमता बढ़ती है। डॉ. दादा ने कहा कि योग की मदद से दिमाग में हिप्पोकैम्पस का स्तर बढ़ता है जो स्मृति बढ़ाने में मददगार होता है।
*नींद में कमी से हॉर्मोन होता है खराब*
डॉ. दादा ने कहा कि नींद खराब होने से हॉर्मोन प्रभावित होते हैं। योग मेलेनिन और एंटी-ऑक्सीडेंट को बढ़ता है। योग करने से माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए, न्यूक्लियर डीएनए की गुणवत्ता में सुधार आता है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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