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वैश्वीकरण विविधीकृत और लोकतांत्रिक होना चाहिए- एस जयशंकर

नई दिल्ली में बी 20 समिट इंडिया के तहत आयोजित उभरते विश्व 2.0 में ग्लोबल साउथ की भूमिका पर सत्र में बोलते हुए

नई दिल्ली, 27 अगस्त 2023 (यूटीएन)। नई दिल्ली में बी 20 समिट इंडिया के तहत आयोजित उभरते विश्व 2.0 में ग्लोबल साउथ की भूमिका पर सत्र में बोलते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि “पिछले कुछ वर्षों की अस्थिरता इन वर्षों ने हमें रणनीतिक स्वायत्तता के महत्व को समझाया है। हम अधिक न्यायसंगत, न्यायसंगत और सहभागी वैश्विक व्यवस्था की तलाश के बारे में बात कर सकते हैं।
लेकिन दिन के अंत में यह तभी होगा जब हम व्यापार और प्रौद्योगिकी निर्णयों में आनुपातिक निवेश देखेंगे। शिखर सम्मेलन का आयोजन बी20 इंडिया सचिवालय व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा किया गया था। डॉ. जयशंकर ने वैश्विक विश्व व्यवस्था के विकास पर विचार किया। जो शुरू में राजनीतिक होने से लेकर आर्थिक अर्थ प्राप्त करने तक था। 
जो प्रौद्योगिकी, ऊर्जा संसाधनों, कनेक्टिविटी और मानव प्रतिभा जैसे कारकों के आगमन के साथ वैश्वीकरण द्वारा तेजी से तेज हो गया था। उन्होंने वैश्विक, खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक सुरक्षा, व्यापार व्यवधान, उच्च ब्याज दरों और सीओवीआईडी ​​महामारी और यूक्रेन संकट के कारण जलवायु घटनाओं के लिए विकासशील देशों पर ध्यान केंद्रित करने की वर्तमान आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. जयशंकर ने कहा कि “बढ़ती जलवायु घटनाओं ने तनाव के अतिरिक्त कारकों में योगदान दिया है।
वैश्विक दक्षिण पर वर्तमान फोकस इस दृढ़ विश्वास से उत्पन्न होता है कि ये ऐसे देश हैं जो वास्तव में विशेष देखभाल के पात्र हैं, उन्होंने कहा कि ये असाधारण तनाव वाले समाज भी हैं जिन पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो विश्व अर्थव्यवस्था में एक गंभीर मुद्दा बन जाएगा। गौरतलब है कि जनवरी में वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के दौरान 125 देशों के साथ चर्चा की गई चुनौतियों और प्राथमिकताओं को जी 20 एजेंडे का केंद्र बनाया गया है।
भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान देशों ने सतत विकास, जलवायु कार्रवाई, खाद्य सुरक्षा और महिला नेतृत्व वाले विकास में ऋण और वित्त के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि “जी-20 का जनादेश आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है और यदि उजागर किए गए क्षेत्रों में वैश्विक दक्षिण की महत्वपूर्ण चिंताओं को संबोधित नहीं किया जाता है तो यह आगे नहीं बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि “उभरती दुनिया 2.0 विकास के अधिक इंजनों, वैश्वीकरण के लाभों के उचित वितरण और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित अधिक संसाधनों में से एक है। डॉ. जयशंकर ने अपने एजेंडे में समावेशी विकास, लचीली आपूर्ति श्रृंखला, सेवा व्यापार, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, नवाचार और स्थिरता को प्राथमिकता देकर इस अवसर पर आगे बढ़ने के लिए बी 20 एंगेजमेंट ग्रुप की सराहना की।
उन्होंने कहा कि “सगाई समूह ने खुद को उन सरकारों के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित किया है जो समान उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “कार्यबलों और कार्रवाई परिषदों ने एक व्यावहारिक अभिव्यक्ति दी है कि दुनिया को क्या करना चाहिए। सत्र में बी-20 इंडिया के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने भी स्वागत और समापन भाषण दिया।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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