Friday, March 14, 2025

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बिलोचपुरा पंचायत में प्रधानमंत्री से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन मांगा और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए

अमींनगर सराय, 14 मार्च 2025 (यूटीएन)। निकटवर्ती गांव बिलौचपुरा में बलूचिस्तान में बढ रही उत्पीड़न की घटनाओं के मद्देनजर उसकी आजादी के लिए पुरजोर समर्थन देने के लिए पंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान जहां पंचायत में बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई गई, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बलूचों की मदद की गुहार भी लगाई गई। इतना ही नहींं ग्रामीण सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान विरोधी नारे भी  लगाते रहे।
अल्पसंख्यक बहुल गाँव बिलौचपुरा में आयोजित पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर रखा है तथा वहां के लोगों पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं। कहा कि पाकिस्तान में बलूच ही नहीँ बल्कि दूसरे अल्पसंख्यक भी सुरक्षित नहीं हैं। बता दें कि, बिलौचपुरा गांव का बलूच समुदाय से पुराना नाता है। 2016 में भी बलूच नेताओं का एक दल इस गांव में आया था। उन्होंने भारत से समर्थन मांगा था। बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जाकर प्रदर्शन भी किया था।
* मोदी की विदेश नीति की प्रशंसा व बलूचों के लिए मदद की मांग *
बिलौचपुरा पंचायत में वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की सराहना की तथा कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बलूचों की मदद के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई। वक्ताओं ने बताया कि, करीब 12 हजार की आबादी वाला यह गांव की 1526 में बसा था तथा बलूचिस्तान से एक ही परिवार के तीन सदस्य पीर बक्स, नींब बक्स और अल्लाह बक्स ने यह पहुंचकर इस इस गांव की नींव रखी थी। गांव ने 1947 की आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था, तब से इस गाँव को क्रांति गाँव के रूप में जाना जाता है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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बिलोचपुरा पंचायत में प्रधानमंत्री से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन मांगा और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए

अमींनगर सराय, 14 मार्च 2025 (यूटीएन)। निकटवर्ती गांव बिलौचपुरा में बलूचिस्तान में बढ रही उत्पीड़न की घटनाओं के मद्देनजर उसकी आजादी के लिए पुरजोर समर्थन देने के लिए पंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान जहां पंचायत में बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई गई, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बलूचों की मदद की गुहार भी लगाई गई। इतना ही नहींं ग्रामीण सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान विरोधी नारे भी  लगाते रहे।
अल्पसंख्यक बहुल गाँव बिलौचपुरा में आयोजित पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर रखा है तथा वहां के लोगों पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं। कहा कि पाकिस्तान में बलूच ही नहीँ बल्कि दूसरे अल्पसंख्यक भी सुरक्षित नहीं हैं। बता दें कि, बिलौचपुरा गांव का बलूच समुदाय से पुराना नाता है। 2016 में भी बलूच नेताओं का एक दल इस गांव में आया था। उन्होंने भारत से समर्थन मांगा था। बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जाकर प्रदर्शन भी किया था।
* मोदी की विदेश नीति की प्रशंसा व बलूचों के लिए मदद की मांग *
बिलौचपुरा पंचायत में वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की सराहना की तथा कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बलूचों की मदद के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई। वक्ताओं ने बताया कि, करीब 12 हजार की आबादी वाला यह गांव की 1526 में बसा था तथा बलूचिस्तान से एक ही परिवार के तीन सदस्य पीर बक्स, नींब बक्स और अल्लाह बक्स ने यह पहुंचकर इस इस गांव की नींव रखी थी। गांव ने 1947 की आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था, तब से इस गाँव को क्रांति गाँव के रूप में जाना जाता है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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