नालंदा, 14 मार्च 2025 (यूटीएन)। बिहारशरीफ में होलिका दहन पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ
संपन्न हुआ। शुभ मुहूर्त के अनुसार, अलग अलग इलाके में स्थानीय लोगों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए श्रद्धा और हर्षोल्लास से होलिका दहन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और होलिका दहन किए।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी, लेकिन जब उसने अपने भतीजे भक्त प्रह्लाद को जलाने के लिए गोद में बैठकर आग में प्रवेश किया
तो प्रभु की कृपा से होलिका भस्म हो गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गए। इसी कारण हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है, जो यह संदेश देता है कि अहंकार, अन्याय और अधर्म का अंत निश्चित है, जबकि सच्ची भक्ति और सत्य की हमेशा विजय होती है। शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया और लगातार गश्त की गई। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए बिजली विभाग ने रात 10:30 बजे से 12:00 बजे तक बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्देश जारी किया।
समाजसेवी राजेश गुप्ता और नरेश प्रसाद ने होलिका दहन के ने बताया कि यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह हमें बुराई का त्याग कर सच्चाई और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। शहरवासियों ने परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धापूर्वक होलिका दहन किया और रंगों के उत्सव होली को प्रेम और सौहार्द के साथ मनाने की अपील की। पूरे नगर में उत्साह और उमंग का वातावरण बना रहा।
बिहार – स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) |