Sunday, June 29, 2025

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अब खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे नवाब: बिहार की बेटियां कबड्डी में रच रहीं नया इतिहास

टीम की कोच रिमी सिंह ने बातचीत में बताया कि इस बार की तैयारियां पहले से कहीं बेहतर हैं। “हमारा लक्ष्य है कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करें और पदक तालिका में बिहार को ऊपर ले जाएं.

नालंदा,07 मई 2025 (यूटीएन)। राज्य सरकार की बदली हुई खेल नीति का असर अब मैदान में साफ दिखने लगा है। राजगीर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में इन दिनों बिहार की अंडर-18 बालिका कबड्डी टीम सुबह-शाम पसीना बहा रही है। आगामी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बिहार की बेटियां शानदार प्रदर्शन कर देशभर में राज्य का परचम लहराने के इरादे से कमर कस चुकी हैं। टीम की कोच रिमी सिंह ने बातचीत में बताया कि इस बार की तैयारियां पहले से कहीं बेहतर हैं। “हमारा लक्ष्य है कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करें और पदक तालिका में बिहार को ऊपर ले जाएं,

रिमी सिंह ने राज्य सरकार की नई खेल नीति की तारीफ़ करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को इस बार प्रशिक्षण से लेकर आवास, पोषण और उपकरण तक हर स्तर पर बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। “पहले संसाधनों की भारी कमी थी, लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है,” उन्होंने कहा।
प्रो कबड्डी में महिलाओं की भागीदारी को लेकर उन्होंने कहा, “अब वह समय दूर नहीं जब बिहार की बेटियां प्रो कबड्डी में खेलती नजर आएंगी। प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, ज़रूरत है बस सही मार्गदर्शन और मंच की।”
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार की सक्रिय भूमिका से खेलों को नई दिशा मिल रही है। “रवींद्रन सर जैसे अधिकारी खुद मैदान में उतरते हैं, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है,” उन्होंने जोड़ा।
बिहार सरकार की ‘खेलों में नौकरी’ नीति पर रिमी सिंह ने कहा, “यह बदलाव बेहद ज़रूरी था। बिहार के ज़्यादातर खिलाड़ी मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं, जिनके लिए स्थायी आमदनी का कोई साधन नहीं होता। अब खेलों के माध्यम से रोज़गार का मार्ग खुल रहा है।”
कोच ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के बिना खेलों में लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल होता है। “पहले कहा जाता था – खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब, लेकिन अब कहा जाता है  खेलोगे कूदोगे तो बनोगे नवाब। ये बदलाव केवल सरकार की सकारात्मक सोच और नीतियों के कारण संभव हो सका है।”
अंत में रिमी सिंह ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आज की पीढ़ी को जो सुविधाएं मिल रही हैं, अगर वो हमें भी मिली होतीं, तो हम भी ऊंचाइयों पर होते। लेकिन संतोष है कि अब बिहार की बेटियों का भविष्य उज्ज्वल है।
 बिहार – स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) | 

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अब खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे नवाब: बिहार की बेटियां कबड्डी में रच रहीं नया इतिहास

टीम की कोच रिमी सिंह ने बातचीत में बताया कि इस बार की तैयारियां पहले से कहीं बेहतर हैं। “हमारा लक्ष्य है कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करें और पदक तालिका में बिहार को ऊपर ले जाएं.

नालंदा,07 मई 2025 (यूटीएन)। राज्य सरकार की बदली हुई खेल नीति का असर अब मैदान में साफ दिखने लगा है। राजगीर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में इन दिनों बिहार की अंडर-18 बालिका कबड्डी टीम सुबह-शाम पसीना बहा रही है। आगामी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बिहार की बेटियां शानदार प्रदर्शन कर देशभर में राज्य का परचम लहराने के इरादे से कमर कस चुकी हैं। टीम की कोच रिमी सिंह ने बातचीत में बताया कि इस बार की तैयारियां पहले से कहीं बेहतर हैं। “हमारा लक्ष्य है कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करें और पदक तालिका में बिहार को ऊपर ले जाएं,

रिमी सिंह ने राज्य सरकार की नई खेल नीति की तारीफ़ करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को इस बार प्रशिक्षण से लेकर आवास, पोषण और उपकरण तक हर स्तर पर बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। “पहले संसाधनों की भारी कमी थी, लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है,” उन्होंने कहा।
प्रो कबड्डी में महिलाओं की भागीदारी को लेकर उन्होंने कहा, “अब वह समय दूर नहीं जब बिहार की बेटियां प्रो कबड्डी में खेलती नजर आएंगी। प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, ज़रूरत है बस सही मार्गदर्शन और मंच की।”
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार की सक्रिय भूमिका से खेलों को नई दिशा मिल रही है। “रवींद्रन सर जैसे अधिकारी खुद मैदान में उतरते हैं, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है,” उन्होंने जोड़ा।
बिहार सरकार की ‘खेलों में नौकरी’ नीति पर रिमी सिंह ने कहा, “यह बदलाव बेहद ज़रूरी था। बिहार के ज़्यादातर खिलाड़ी मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं, जिनके लिए स्थायी आमदनी का कोई साधन नहीं होता। अब खेलों के माध्यम से रोज़गार का मार्ग खुल रहा है।”
कोच ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के बिना खेलों में लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल होता है। “पहले कहा जाता था – खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब, लेकिन अब कहा जाता है  खेलोगे कूदोगे तो बनोगे नवाब। ये बदलाव केवल सरकार की सकारात्मक सोच और नीतियों के कारण संभव हो सका है।”
अंत में रिमी सिंह ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आज की पीढ़ी को जो सुविधाएं मिल रही हैं, अगर वो हमें भी मिली होतीं, तो हम भी ऊंचाइयों पर होते। लेकिन संतोष है कि अब बिहार की बेटियों का भविष्य उज्ज्वल है।
 बिहार – स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) | 

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