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सपने में दर्शन पाकर रखी थी पांच ईंटें, और अब पावन धाम मंदिर बना है लोगो की अटूट आस्था का केंद्र

टौल के मां वैष्णो देवी मंदिर में लोगों की अटूट आस्था है।

रटौल, 23 मार्च 2023 (यूटीएन)। रटौल के मां वैष्णो देवी मंदिर में लोगों की अटूट आस्था है। नवरात्र में माता के सभी रूपों की आराधना होती है तथा हर त्योहार पर आसपास के जनपदों व क्षेत्रों से भी भक्त वैष्णो मां के दर्शन के लिए रटौल पहुंचते हैं | भक्तों के अनुसार मंदिर में सच्चे मन से जो मन्नते मांगी जाती हैं, वो पूरी होती हैं। रटौल कस्बॆ के पावन धाम में नवरात्रों पर घर से लेकर मंदिर तक माता के जयकारे लगते हैं। वर्तमान समय में भी प्राचीन मंदिर आस्था का केंद्र बना है। रटौल गांव का मां वैष्णो देवी मंदिर में लोगों की आस्था बढ़ रही है। नवरात्र में पूजा अर्चना के लिए मां के उपासक मंदिर में पहुंच रहे हैं। गांव से आधा किलो मीटर दूर ढिकौली -बंथला मार्ग पर मां वैष्णो का मंदिर है।
आने-जाने वाले राहगीर भी मंदिर में माथा टेककर आगे बढ़ रहे हैं। गांव के सैकड़ों लोग सुबह और शाम पूजा करने जाते हैं। डॉ पवन सैनी बताते हैं कि, अष्टमी की रात्रि में उन्हें मां भगवती ने सपने में दर्शन दिए और मंदिर बनवाने के लिए कहा। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए धन नहीं होने की बात कही, तो माता ने उन्हें पांच ईंट रखने को कहा और बोली कि, मंदिर अपने आप बन जाएगा। इसके बाद उन्होंने पांच ईट रखकर मंदिर की नींव रख, तो उसी दिन से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। गांव के लोगों ने इसमें सहयोग किया। इसका नाम पावन धाम मंदिर रखा गया । वर्तमान समय में मंदिर में अटूट आस्था व लोगों की मन्नते पूरी होती हैं। गांव के मास्टर रामनाथ बताते हैं।
जब से मंदिर बना है तबसे लोगों की श्रद्धा है, हर साल इस मंदिर में भंडारे और मेले का आयोजन होता रहता है। मंदिर के पुजारी कुश प्रसाद शास्त्री ने बताया जब डॉ. पवन सैनी ने सपने के बारे में मुझे बताया तो मुझे पूर्ण विश्वास हो गया था कि एक दिन गांव में वैष्णो माता का भव्य मंदिर का निर्माण होगा। तभी मैने उनसे कहा आप मां के कहे अनुसार पांच ईंट रख दो, माता अपने आप मंदिर बनवाने पर कृपा करेगी। आज दूर दराज से भगत यहां मन्नत मांगने आते हैं, मां उनकी मुराद पूरी करती। आगे चलकर यह मंदिर नव दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध होगा, क्योंकि मंदिर में जल्द ही नौ माताओं की मूर्तियों की स्थापना होगी। इस मंदिर में ज्वाला, चिंतपूर्णि, नगरकोट, चामुंडा देवी, कालिका, नेना देवी, मंशा देवी, चंडिका, सिद्धधात्री की मूर्तियां बहुत जल्द स्थापित होगी।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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