Sunday, June 29, 2025

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चंद्रप्रभ भगवान का मस्तकाभिषेक धूमधाम से संपन्न,आयोजन में उमडी श्रद्धालुओं की भीड़

संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत ने भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ किया, देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ भगवान चंद्रप्रभ विधान में श्रद्धालुओं ने श्रीजी को 72 श्रीफल समर्पित किये। 

बिनौली, 04 मई 2025 (यूटीएन)। बरनावा के चंद्रप्रभ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में भगवान का मासिक मस्तकाभिषेक धूमधाम के साथ भक्तिभाव पूर्वक किया गया, जिसमें कई प्रांतों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर धर्म लाभ उठाया।
भगवान का मस्तकाभिषेक, शांतिधारा व परिमार्जन करने का पुण्य सौभाग्य कुणाल जैन, संभव जैन,यश जैन ने प्राप्त किया। बाई ओर से शांतिधारा धनपाल जैन, अरिहंत जैन, अनुभव जैन ने की। मंगल आरती का सौभाग्य नरेंद्र जैन बड़ौत को प्राप्त हुआ। इसके बाद नित्य एवं नैमित्तिक पूजा की गई।
संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत ने भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ किया। देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ भगवान चंद्रप्रभ विधान में श्रद्धालुओं ने श्रीजी को 72 श्रीफल समर्पित किये।
इस अवसर पर हुई धर्मसभा में प्रवचन देते हुए पं अंकित शास्त्री दिल्ली ने कहा कि, धर्म संसार का सुख देता है तो निर्वाण भी देता है। धर्म के बिना मनुष्य तिर्यंच के समान होता है। धर्म आत्मा की आंतरिक चेतना की पवित्र धारा है। धर्म आत्मा से उत्पन्न होता है।  जैसे गुलाब से पुष्प को सुगंध देने के लिए बाहर से किसी सुगंधित इत्र की अपेक्षा नहीं होती, उसी प्रकार धर्म को बाहर के पदार्थ की आवश्यकता नहीं होती।
आयोजन में मंदिर कमेटी महामंत्री पंकज जैन, विनेश जैन, रजनीश जैन, अशेक जैन, आलोक जैन, अतिशय जैन, विकास जैन, पुष्पेंद्र जैन, संदीप जैन, विशाल जैन, ममता जैन आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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चंद्रप्रभ भगवान का मस्तकाभिषेक धूमधाम से संपन्न,आयोजन में उमडी श्रद्धालुओं की भीड़

संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत ने भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ किया, देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ भगवान चंद्रप्रभ विधान में श्रद्धालुओं ने श्रीजी को 72 श्रीफल समर्पित किये। 

बिनौली, 04 मई 2025 (यूटीएन)। बरनावा के चंद्रप्रभ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में भगवान का मासिक मस्तकाभिषेक धूमधाम के साथ भक्तिभाव पूर्वक किया गया, जिसमें कई प्रांतों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर धर्म लाभ उठाया।
भगवान का मस्तकाभिषेक, शांतिधारा व परिमार्जन करने का पुण्य सौभाग्य कुणाल जैन, संभव जैन,यश जैन ने प्राप्त किया। बाई ओर से शांतिधारा धनपाल जैन, अरिहंत जैन, अनुभव जैन ने की। मंगल आरती का सौभाग्य नरेंद्र जैन बड़ौत को प्राप्त हुआ। इसके बाद नित्य एवं नैमित्तिक पूजा की गई।
संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत ने भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ किया। देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ भगवान चंद्रप्रभ विधान में श्रद्धालुओं ने श्रीजी को 72 श्रीफल समर्पित किये।
इस अवसर पर हुई धर्मसभा में प्रवचन देते हुए पं अंकित शास्त्री दिल्ली ने कहा कि, धर्म संसार का सुख देता है तो निर्वाण भी देता है। धर्म के बिना मनुष्य तिर्यंच के समान होता है। धर्म आत्मा की आंतरिक चेतना की पवित्र धारा है। धर्म आत्मा से उत्पन्न होता है।  जैसे गुलाब से पुष्प को सुगंध देने के लिए बाहर से किसी सुगंधित इत्र की अपेक्षा नहीं होती, उसी प्रकार धर्म को बाहर के पदार्थ की आवश्यकता नहीं होती।
आयोजन में मंदिर कमेटी महामंत्री पंकज जैन, विनेश जैन, रजनीश जैन, अशेक जैन, आलोक जैन, अतिशय जैन, विकास जैन, पुष्पेंद्र जैन, संदीप जैन, विशाल जैन, ममता जैन आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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