खेकड़ा, 06 मार्च 2025 (यूटीएन)। जिला जेल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा वाचक ने शिव-पार्वती विवाह और सती चरित्र की कथा सुनाई। इस पावन प्रसंग को सुनकर बंदी भावविभोर हो गए। कथा व्यास शिवाकांत महाराज ने बताया कि, पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर माता जगदंबा प्रकट हुईं
और उन्होंने हिमालय को अपनी बेटी के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। माता पार्वती हिमालय के घर जन्मीं और बचपन से ही भगवान भोलेनाथ की भक्त थीं। जब माता पार्वती युवावस्था में पहुंचीं, तो पर्वतराज को उनके विवाह की चिंता सताने लगी। इसी दौरान महर्षि नारद उनके घर पधारे और माता पार्वती के लिए भगवान शिव के साथ विवाह का संयोग बताया।
जब नंदी पर सवार होकर भगवान शिव भूत-पिशाचों की बारात के साथ पहुंचे, तो यह दृश्य देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित रह गए, लेकिन माता पार्वती ने प्रसन्नतापूर्वक भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार किया। कथा वाचक ने सती चरित्र का प्रसंग भी सुनाया, जिससे बंदियों में धार्मिक आस्था और भक्ति का संचार हुआ। इस अवसर पर जेलर राजेश कुमार राय, उपजेलर प्रशांत कुमार और हीना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |