बडौय, 01 जुलाई 2025 (यूटीएन)। यमुना खादर के कोताना जागोस खेड़ी प्रधान गांव में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गरीब तबके के किसानों की सब्जियों की फसलों व खेतों में पानी भर जाने से, जहां उपज की संभावना समाप्त हो गई है वहीं इन किसानों की उम्मीद भी निराशा में बदल रही है। ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।
इसबार यमुना खादर क्षेत्र में गरीब किसानों की करेला लौकी तोरई हरी मिर्च धनिया टमाटर पोदीना बैंगन हरी दा फुल आदि फसल उग रहीं हैं। इसबीच अचानक यमुना नदी में रविवार को अधिक पानी आने से किसानों के खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न होकर या फिर तेज धार मेन उजड़ गई, जिसमें किसानों को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ा। वहीं लगातार आ रहे पानी से किसान चिंतित हैं।
फसल उजड़ने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के किसान सुरेश शर्मा अनिल मुखिया राजु त्यागी नरेश कुमार रवि कश्यप ओमवीर सिंह विनोद कुमार श्याम सुंदर त्यागी हरवीर सिंह जगरोशन सतीश त्यागी महेंद्र कश्यप जगदीश शर्मा सोनू कुमार आदि मौजूद गांव के किसानों ने बताया कि, अगर यमुना नदी का जलस्तर और ज्यादा फैलता रहा, तो खेतों में खड़ी गन्ने की फसल को भी नुकसान हो जाएगा।
किसानों के अनुसार पिछले वर्ष अधिक पानी आने से यमुना नदी में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे जिसमें किसानों का लाखों रुपए का गन्ना बर्बाद हो गया था पिछले वर्ष हुए नुकसान की भरपाई आज तक नहीं पूरी हो पाई। यमुना नदी क्षेत्र में पानी अधिक आने से किसानों का नुकसान अधिक हो जाता है, जिससे किसानों की परेशानी और अधिक ज्यादा बढ़ जाती है। अभी रविवार को यमुना नदी के किनारे खादर क्षेत्र में किसानों की सब्जियों की फसल खेतों में पानी भर जाने से बर्बाद हो गई हैं।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |