Sunday, June 29, 2025

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जिलाधिकारी ने अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था हेतु की मासिक समीक्षा बैठक

जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की मासिक समीक्षा बैठक में विभिन्न मामलों की समीक्षा की गई।

बागपत, 26 जून 2025 (यूटीएन)। जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की मासिक समीक्षा बैठक में विभिन्न मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से निर्देश दिये कि, ऐसे मामलों में जहां किसी व्यक्ति को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है।

और फिर बाद में मुकदमे में फैसला करना या अपने बयानों से मुकरने पर, ऐसे वादी मुकदमे के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में भी झूठे मुकदमे ना लिखा सके, जिससे कि झूठे मुकदमे लिखाने व न्यायालय में फैसला करने वाले लोगों को बढ़ावा न मिले। वादी मुकदमों के द्वारा न्यायालय में अपनी बात से मुकरने व फैसला करने पर अभियोजन की तरफ से न्यायालय में याचन व पैरवी करते हुए न्यायालय ने 3 केसों के वादी के खिलाफ धारा 22 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकीर्णवाद दर्ज किए गए हैं।

जिसमें वादी को 22 पोक्सो एक्ट में अधिकतम ₹50000 का जुर्माना व सजा का प्रावधान है। जिलाधिकारी ने कहा कि अपराधियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए और इस तरह के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की गलत हरकत करने से बच सके। जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियोजन कार्यों में तेजी लाई जाए और लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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जिलाधिकारी ने अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था हेतु की मासिक समीक्षा बैठक

जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की मासिक समीक्षा बैठक में विभिन्न मामलों की समीक्षा की गई।

बागपत, 26 जून 2025 (यूटीएन)। जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की मासिक समीक्षा बैठक में विभिन्न मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से निर्देश दिये कि, ऐसे मामलों में जहां किसी व्यक्ति को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है।

और फिर बाद में मुकदमे में फैसला करना या अपने बयानों से मुकरने पर, ऐसे वादी मुकदमे के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में भी झूठे मुकदमे ना लिखा सके, जिससे कि झूठे मुकदमे लिखाने व न्यायालय में फैसला करने वाले लोगों को बढ़ावा न मिले। वादी मुकदमों के द्वारा न्यायालय में अपनी बात से मुकरने व फैसला करने पर अभियोजन की तरफ से न्यायालय में याचन व पैरवी करते हुए न्यायालय ने 3 केसों के वादी के खिलाफ धारा 22 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकीर्णवाद दर्ज किए गए हैं।

जिसमें वादी को 22 पोक्सो एक्ट में अधिकतम ₹50000 का जुर्माना व सजा का प्रावधान है। जिलाधिकारी ने कहा कि अपराधियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए और इस तरह के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की गलत हरकत करने से बच सके। जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियोजन कार्यों में तेजी लाई जाए और लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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