हरदोई,17 मई 2025 (यूटीएन)। कोथावां ब्लॉक क्षेत्र में भूजल का स्रोत माने जाने और जीव जंतुओं की प्यास बुझाने वाले तालाबों का अस्तित्व संकट में हैं। अनुरक्षण कार्य के अभाव में तालाब के किनारे लगाए गए पौधे सूख गए हैं और तलहटी में मौसमी घास उग आई है। सूखे तालाबों में पानी तक नहीं भरवाया गया है। तालाबों की बदहाली की तस्वीर कुलमिन खेड़ा का अमृत सरोवर पेश कर रहा है।
बता दें कि कोथावां ब्लाक क्षेत्र में 2023-24 में अमृत सरोवर योजना के तहत कई तालाबों को चिन्हित कर मनरेगा के तहत उनका सुंदरीकरण कराते हुए तालाब के चारों तरफ बेंच बनवाए जाने के साथ ही पौधे भी लगाए गए थे। पर अनुरक्षण कार्य के अभाव में रोपे गए पौधे तो नहीं बचाए जा सके, लेकिन तालाबो में बड़ी-बड़ी मौसमी घास जरूर उग आई। ऐसे सूखे तालाबों में अब तक पानी भरवाने के भी किसी स्तर पर प्रयास नहीं किए गए।
जिसके कारण इस तपती गर्मी में पशु पंछी त्राहि त्राहि करने को मजबूर है। यह हालात सिर्फ कुलमिन खेड़ा के तालाब की ही न होकर क्षेत्र के अधिकांश तालाबों की है।
हरदोई-स्टेट ब्यूरो,(लव कुश सिंह) |