[pj-news-ticker]

नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7078277779 / +91 9927127779 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,




माफिया अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर हो गया, असद के साथ ही अतीक के शूटर गुलाम को भी पुलिस ने मार गिराया

बुलडोजर और एनकाउंटर की राजनीति क्या है? इसने योगी आदित्यनाथ की छवि कैसे चमकाई है? विपक्ष क्यों इस नीति पर सवाल उठाता है? इस सियासत की शुरुआत कब और कहां से हुई?

नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2023 (यूटीएन)। बुलडोजर और एनकाउंटर की राजनीति क्या है? इसने योगी आदित्यनाथ की छवि कैसे चमकाई है? विपक्ष क्यों इस नीति पर सवाल उठाता है? इस सियासत की शुरुआत कब और कहां से हुई? कैसे सीएम योगी आदित्यनाथ ‘बुलडोजर बाबा’ बन गए? माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का गुरुवार का एनकाउंटर हो गया। असद के साथ ही अतीक के शूटर गुलाम को भी पुलिस ने मार गिराया। इन दोनों एनकाउंटर के बाद एक बार फिर बुलडोजर और एनकाउंटर वाली राजनीति की चर्चा शुरू हो गई है।
बड़ी संख्या में लोगों ने माफियाराज खत्म करने के इस तरीके को सही ठहराते हुए सीएम योगी की तारीफ की है, तो कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। 19 मार्च 2017 की बात है। यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की थी। विधायक दल की बैठक बुलाई गई। तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य समेत कई दिग्गज नेता बैठक में मौजूद थे। इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य, मनोज सिन्हा समेत कई दूसरे बड़े नामों की चर्चा सीएम पद के लिए हो रही थी, लेकिन अचानक से योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव आ गया।
ये प्रस्ताव पार्टी हाईकमान की तरफ से आया था, इसलिए एक स्वर में सभी ने इसपर अपनी सहमति दे दी। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बन गए। योगी ने शपथ ग्रहण करते ही यूपी में कानून व्यवस्था सुधारने की बात कही। 2017 से 2022 तक योगी ने माफियाओं, बदमाशों, हिस्ट्रीशीटरों के घरों पर बुलडोजर चले। 2022 यूपी चुनाव की घोषणा से काफी पहले सीएम योगी आदित्यनाथ प्रचार में लग गए थे। आठ जनवरी को चुनाव एलान से पहले वो 68 रैलियां कर चुके थे। एक भी जगह उन्होंने बुलडोजर का प्रचार नहीं किया था।
20 जनवरी को कन्नौज-इटावा समेत 16 जिलों में तीसरे चरण के वोट पड़ रहे थे। अखिलेश बगल के जिले अयोध्या में चौथे चरण के लिए रैली कर रहे थे। यहां उन्होंने मंच से कहा, ‘जो जगहों का नाम बदलते थे, आज एक अखबार ने उनका ही नाम बदल दिया। अखबार अभी गांवों में नहीं पहुंचा होगा। हम बता देते हैं, उनका नया नाम रखा है, बाबा बुलडोजर।’
अखिलेश के बाबा बुलडोजर कहते ही योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने बुलडोजर का प्रचार तेज कर दिया। अगले दिन योगी ने कहा, ‘बुलडोजर हाईवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है। साथ ही माफिया से अवैध कब्जे को भी मुक्त करता है।’ 25 फरवरी को जब योगी रैली के लिए निकले तो।
उन्होंने हेलीकाप्टर की एक फोटो शेयर की। उन्हें अपनी रैली में कई बुलडोजर खड़े नजर आए। धीरे-धीरे बाबा का बुलडोजर एक ब्रांड बनने लगा। चुनाव में भी ‘यूपी की मजबूरी है बुलडोजर बाबा जरूरी है’ के नारे लगाए गए। पोस्टर, बैनर, सभाएं हर जगह योगी के साथ बुलडोजर नजर आने लगा। योगी के बुलडोजर का प्रचार सिर्फ यूपी तक नहीं, बल्कि देश के बाकी राज्यों तक होने लगा। बाकी राज्यों में भी लोग अपराध को खत्म करने के लिए योगी के बुलडोजर पैटर्न को लागू करने की मांग करने लगे। इसका असर यूपी के चुनाव में देखने को मिला। भाजपा ने 2022 में भी 403 में से 273 सीटों पर जीत हासिल कर दोबारा सरकार बना ली। योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार सीएम बने।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

[wonderplugin_carousel id="1"]
RELATED ARTICLES

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

Most Popular

आज का राशिफल देखें