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कोयल नदी पर बना भीम बराज पुल, जिसकी अनुमानित लागत अरबों में है

इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी टायर के सहारे अस्थायी अवरोधक टंगा हुआ है।

गढ़वा, 13 मार्च 2023 (यूटीएन)। कोयल नदी पर बना भीम बराज पुल, जिसकी अनुमानित लागत अरबों में है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी टायर के सहारे अस्थायी अवरोधक टंगा हुआ है। भीम बराज पुल का अस्तित्व खतरे में है। इस पुल पर केवल हल्के वाहनों के आवागमन का ही परमिशन है, जिसके लिए गढ़वा जिला की तरफ पूल के पश्चिमी छोर पर “पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश निषेध” का बोर्ड लगा हुआ है। परंतु आदेश की अनदेखी कर उक्त पुल पर तमाम तरह की भारी वाहन यथा बस, ट्रक, छरी गट्टी लदे हाइवा, कुट्टी भूसा लदे ट्रक, ट्रैक्टर व पिकअप गाड़ियों का बेरोकटोक आना-जाना हो रहा है।सिंचाई विभाग ने पुल की सुरक्षा की जिम्मेवारी होमगार्ड के जवान के हाथों में सौंप रखा है। पुल के दोनों छोर पर होमगार्ड अपनी ड्यूटी देते हैं।
भीम बराज पूल पर कोई भारी वाहनों का आना-जाना नही हो, इसके लिए ही पांच-पांच की संख्या में पुल के दोनों किनारे गढ़वा व पलामू की ओर होमगार्ड अपनी ड्यूटी देते हैं। उसी के लिए उनकी ड्यूटी लगी है और वेतन प्राप्त करते हैं, लेकिन उक्त सारे आदेश की अवहेलना करते हुए   वहां पर तैनात होमगार्ड के जवान महज 100 ₹200 के लिए सारे  नियमों का धजी उड़ा कर अवैध रूप से वाहनों को पार होने का परमिशन दे रहे हैं। ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन से निश्चय ही सीमित समय के अंतराल में भीम बराज पुल का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा एवं सैकड़ों ग्रामीणों को मोहम्मद गंज रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाली एकमात्र पुल सपना बनकर रह जाएगा। यह बराज पुल गढ़वा जिला को पलामू  जिला व बिहार राज्य से जोड़ता है। इस पुल की क्षमता उतनी नही है कि इस पर से भारी वाहन गुजरे, लेकिन पूरे वर्ष इस कम क्षमता वाली पुल से भारी वाहन को गुजारा जाता है, जिससे इस पुल की अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
अगर इस पर लगाम नही लगा तो संभावना है कि पुल टूट जाएगा। पुल पर से कोई भारी वाहन न गुजरे उसके रोकथाम के लिए पुल के दोनों किनारों पर लोहे के पिलर गाड़कर ऊपर से भी लोहे का अवरोधक लगाया गया है। उक्त अवरोधक को स्थायी रूप से फिक्स न कर चलायमान रूप में लगाया गया है। उक्त अवरोधक को साइकिल के टायर के सहारे टांग दिया गया है, जिसे बड़ी गाड़ी को पुल से पार कराने के समय अवरोधक को टायर से बड़ी आसानी से हटाकर गाड़ी को जाने दिया जाता है। इसके पीछे का कारण मात्र पैसे की लालच है।होमगार्ड के जवान पैसे की लालच में आकर भीम बराज पुल के अस्तित्व को मिटाने पर उतर आए हैं। इस तरफ कोई तो नजर डाले। इस विषय में गार्ड श्रवण तिवारी ने बताया कि मैं पिछले तीन चार दिनों से छुट्टी में आया हूँ, लेकिन पुल से कोई भी भारी वाहन नही आता-जाता है।
झारखंड- संवाददाता, (विवेक चौबे) | 

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