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कलाकारों का जब हुआ जंगली जानवरों से सामना

मुंबई, 05 मार्च 2023 (यूटीएन)। वन्यजीवन संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के लिये हर साल 3 मार्च को वल्र्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है। एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने पसंदीदा वन्यजीवों और जंगल सफारी में उनके साथ घटे अनुभवों के बारे में बात की और एक वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा देने और उसका संरक्षण करने की उम्मीद जताई। ये कलाकार हैं आयुध भानुशाली (कृष्णा, ‘दूसरी माँ’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ में कृष्णा की भूमिका निभा रहे आयुध भानुशाली कहते हैं, ‘‘मुझे जंगल का राजा शेर पसंद है। शेर कई संस्कृतियों के लिये मजबूती, महानता और शक्ति का प्रतीक रहे हैं। मैं टेलीविजन पर घंटों शेर की डाॅक्युमेंट्री देखा करता था।
‘सिम्बा- द लायन किंग’ मेरा अब तक का सबसे पसंदीदा कार्टून है। मेरे पास शेरों की तस्वीरों का एक बड़ा संग्रह है, जोकि मैंने अपनी पुरानी किताबों, पोस्टर्स और चार्ट पेपर्स से बनाया है। मैंने हाल ही में अपने परिवार के साथ गुजरात के गिर फाॅरेस्ट का दौरा किया था, ताकि शेर को असली में देख सकूं। मैं उस सीन को अपने जीवन का सबसे यादगार पल मानता हूँ। मुझे याद है कि धरती के सबसे शक्तिशाली जीव को देखने के रोमांच के कारण मुझे रातभर नींद नहीं आई थी। सुबह जल्दी पहुँचने के बाद हम उसे कई घंटों तक ढूंढते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। कुछ वक्त के बाद मैं निराशा के कारण रोने लगा और मेरी माँ और परिवार के दूसरे लोगों ने मुझे सांत्वना दी, यह भूलकर कि हम शेर की खोज कर रहे थे (हंसते हैं)। हालांकि, कुछ वक्त के बाद आखिरकार हमें शेर दिख गया।
अपनी जीप से उसे देखना इतना उत्साहपूर्ण था कि मैं उसके फोटो लेना भी भूल गया। मुझे कोई खेद नहीं है, क्योंकि मुझे वह मिल गया, जिससे मैं मिलना चाहता था और मेरी एक बार फिर वहाँ जाने की इच्छा है।’’एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में कटोरी अम्मा की भूमिका निभा रहीं हिमानी शिवपुरी ने कहा, ‘‘मैं उत्तराखण्ड की हूँ, जहाँ वन्यजीवों की खूबसूरत प्रजातियाँ और एक अभ्यारण्य है, जहाँ लोग अपने पसंदीदा प्राणियों को देख सकते हैं। हालांकि, मैं अपने घर के पास के एक सांप का अनुभव बताती हूँ। मुझे सांप पसंद हैं और खूबसूरत लगते हैं। मैं छोटी थी और घर के पीछे कुछ दोस्तों के साथ खेल रही थी। शाम को अचानक हमें वहाँ एक सांप दिखा। वह काफी बड़ा था और हर कोई डरकर भागने लगा। लेकिन मैं उससे कुछ दूरी बनाकर ध्यान से उसका अगला कदम देखने लगी।
बचपन में आपको खतरनाक चीजें भी देखने की मासूमियत और जिज्ञासा होती है। मेरी शुरूआती प्रतिक्रिया वैसी ही थी, लेकिन उस सांप को बहुत करीब से देखने के बाद उसकी सुंदरता ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। वह तुरंत वहाँ से निकल गया। मैं घर गई और अपनी माँ को इस घटना के बारे में बताया। और मेरी माँ ने कहा कि अब वहाँ नहीं खेलना है (हंसती हैं)। मैं जानती हूँ कि उन्हें मेरी सुरक्षा की चिंता थी, लेकिन आपको बता रही हूँ कि मैं वहाँ कई बार गई, ताकि उसे देख सकूं। इसके अलावा मैंने दुनियाभर में कई वन्यजीवन आश्रयों को देखा है। यह सबसे रोमांचक और आरामदायक कामों में से एक होता है, खासकर क्योंकि आपके आस-पास प्रकृति होती है। इस दिन के सम्मान में मैं लोगों से आग्रह करती हूँ कि वे वन्यजीवों को सुरक्षित वातावरण दें, ताकि उनका अस्तित्व संरक्षित रहे।’’ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे रोहिताश्व गौड़ ने कहा।
‘‘काॅलेज के दिनों में मेरे दोस्तों का एक ग्रुप था, जिन्हें जानवरों को देखने का बड़ा उत्साह था। चूंकि मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ, जहाँ कई वन्यजीवन अभ्यारण्य हैं, इसलिये अपने दोस्तों को बताने के लिये मेरे पास हमेशा कई कहानियाँ होती थीं। मैं अपने बचपन में कई बार अपने परिवार के साथ और स्कूल ट्रिप्स में उन अभ्यारण्यों में गया था। लेकिन मुझे बांधवगढ़, मध्यप्रदेश की एक सफारी याद है, जिसने उन खूबसूरत जानवरों को देखने में मेरी रुचि दोबारा जगा दी थी। मैं वहाँ अपने दोस्तों के साथ सफेद बाघ को देखने गया था। इतनी दूरी से एक सफेद बाघ को मैंने पहली बार देखा था और मैं उसकी खूबसूरती में खो गया था, मानो कि वह रैम्प पर चल रहा हो। टाइगर सफारी में हमेशा आश्चर्य और खुशी होती है; यह जिन्दगी में एक बार जरूर करनी चाहिये। जंगली बाघों और उनके आवास को बचाकर हम अपने समेत कई प्राणियों को भी बचाते हैं। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि किसी भी प्राकृतिक आवास को नष्ट न करें और अपनी तरक्की और विकास के लिये कोई वैकल्पिक समाधान ढूंढें।
मुंबई-संवाददाता, (हितेश जैन)।

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