नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। आगामी सेशन में नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने के साथ-साथ एमबीबीएस की सीटों में भी इजाफा होगा। हालांकि यह संख्या कितनी होगी, इस बारे में अभी असेसमेंट प्रोसेस चल रहा है। नेशनल मेडिकल कमिशन के पास नए मेडिकल कॉलेज के लिए 112 और एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए 58 ऑनलाइन आवेदन मिले हैं, जिनको जांचने की प्रक्रिया चल रही है। एनएमसी की अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की प्रेजिडेंट डॉ. अरूणा वी. वानिकर का कहना है कि 2024-25 में एमबीबीएस की कितनी सीटें बढ़ेंगी, इसको लेकर कोई टारगेट तय नहीं किया गया है लेकिन सीटें बढ़ाने के साथ-साथ सबसे ज्यादा जोर इस बात पर होगा कि छात्रों को बेस्ट मेडिकल एजुकेशन मिले। इसको लेकर एनएमसी की ओर से सभी जरूरी कोशिश की जा रही है।
उनका कहना है कि धीरे-धीरे कॉलेजों में जाकर इंस्पेक्शन की प्रक्रिया को कम किया जाएगा और ऑनलाइन प्रक्रिया को ज्यादा फॉलो किया जाएगा। नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल होगा, जिनमें एआई टूल भी शामिल है।
*एमबीबीएस की सीटों पर इजाफे के लिए आए आवेदन*
2013-14 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 706 हो गए हैं, वहीं एमबीबीएस सीटों की संख्या भी 51,348 से बढ़कर 1,08,198 हो गई है। वहीं पीजी सीट भी इस दौरान 31,185 से बढ़कर 69,457 हो गई हैं। एनएमसी के पास नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने और एमबीबीएस की सीटों में इजाफे के लिए आवेदन आए हैं। एनएमसी की ओर से आवेदनों की जांचने की प्रक्रिया चल रही है। एनएमसी ने कॉलेजों में आधार आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है।
*विश्वस्तरीय मेडिकल एजुकेशन भी लक्ष्य?*
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी एमबीबीएस की 1.08 लाख सीटें हैं और इन सीटों में अभी 40 हजार तक का और इजाफा हो सकता है। देश में एमबीबीएस की सीटों को डेढ़ लाख तक बढ़ाया जा सकता है। इस वर्ष भी सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन एनएमसी का लक्ष्य केवल सीटें बढ़ाना नहीं है बल्कि यह भी देखना है कि छात्रों को बेहतर से बेहतर मेडिकल एजुकेशन मिले। कॉलेजों की रेटिंग का लक्ष्य भी यही है।
बताया जा रहा है कि एनएमसी कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर समेत सभी जरूरी सुविधाओं को लेकर बारीकी से जांच करेगा और उसके बाद ही मंजूरी दी जाएगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में एमबीबीएस की सीटें काफी बढ़ी हैं और जिन कॉलेजों में छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है, उसको लेकर एनएमसी को कड़े कदम उठाने होंगे।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |