नई दिल्ली, 29 मार्च 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को मिले चंदे को लेकर भाजपा व कांग्रेस में घमासान मचा है। भाजपा कह रही है कि कांग्रेस ने डोनेशन लेने के नियमों का उल्लंघन किया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि चुनाव के मौके पर उसके बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं। सरकार का यह कदम देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है। यह मामला अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ‘यूएनओ’ तक इसकी गूंज पहुंच रही है। अमेरिका और यूएन में उठे इस मामले के बाद शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा खुलासा कर दिया है।
पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा, हमने सात वर्ष में भाजपा को मिले चंदे का हिसाब-किताब जोड़ा है। उसमें कई जगहों पर उल्लंघन एवं अनियमितताएं हैं। हमने जो हिसाब लगाया है, उसमें करीब 4,600 करोड़ रुपये की भाजपा पर पैनल्टी बनती है। आयकर विभाग, भाजपा को कोई नोटिस नहीं दे रहा। इतनी भारी पैनल्टी एकत्रित होने पर भी उसके बैंक खाते फ्रीज नहीं किए जा रहे।
*1,297 लोगों ने बिना पते के दिया चंदा*
अजय माकन ने बताया, कांग्रेस पार्टी के सिर्फ 14 लाख रुपये के उल्लंघन के ऊपर आयकर विभाग ने 135 करोड़ रुपये छीन लिए। 2017-18 में भाजपा ने 1,297 लोगों से चंदा लिया। सूची में उन लोगों का कोई पता नहीं लिखा है। सिर्फ नाम लिखा गया है। नियम है कि चंदा देने वाले का नाम और पता, दोनों होने जरूरी हैं। इस तरह की राशि 42 करोड़ रुपये है। यह राशि देने वाले आदमी कहां रहते हैं, क्या वे पाकिस्तान में रहते हैं या हमारे देश में कहीं पर रहते हैं, उनका पता क्या है। ये किसी को मालूम नहीं है। यह तो नियमों का सरासर उल्लंघन है।
आयकर विभाग ने 42 करोड़ रुपये के उल्लंघन के मामले में आंख पर पट्टी लगा ली है। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी को मात्र 14 लाख रुपये के चंदे के मामले में इतनी बड़ी कार्रवाई कर दी। वह चंदा कांग्रेस के ही 23 लोगों ने, जो हमारे मेंबर ऑफ पार्लियामेंट थे, हमारे एमएलए थे, जमा कराया था। बाद में हमने उनके नाम, पेन नंबर और दूसरी डिटेल भी बताई थी। आयकर विभाग ने कुछ नहीं सुना और हमारे 135 करोड़ रुपये छीनकर ले गए। भाजपा को चंदा देने वाले 1,297 लोगों का तो पता ही नहीं है। 92 लोगों के तो नाम भी नहीं हैं।
*भाजपा पर 4,600 करोड़ रुपये की पैनल्टी*
बतौर अजय माकन, भाजपा को चंदा देने वाले 92 लोगों का नाम नहीं है और 1,297 के एड्रेस नहीं, ये सिर्फ 2017-18 का डाटा है। पिछले दो वर्षों का जब विश्लेषण किया गया, तो 253 लोगों के नाम नहीं मिले। ढाई करोड़ रुपये लिए गए। 126 लोगों से 1.05 करोड़ रुपये लिए गए, जिनका कहीं पता तक नहीं मिला। इतना कुछ हो गया, मगर आयकर विभाग भाजपा की इस कमी को आंख बंद कर नजरअंदाज करता रहा।
उसे तो सिर्फ कांग्रेस का उल्लंघन नजर आता है। भाजपा को मिले चंदे में नियमों का उल्लंघन एवं अनियमितताओं को देखें तो उसकी पैनल्टी का हिसाब किताब करें, तो 4,600 करोड़ रुपये, भाजपा पर पैनल्टी लगती है। कांग्रेस पार्टी की इंकम टैक्स डिपार्टमेंट से मांग है कि वह भाजपा से उक्त पैनल्टी वसूले। ये तो सीधा उल्लंघन है। इसे कोई भी व्यक्ति भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकता है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |