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दुनिया भर में रुला रहे प्याज के दाम, भारत में बिक रहा कौड़ियों के भाव

प्याज इन दिनों खाने वाले और लगाने वाले किसान दोनों को रुला रहा है। खाने वाले लोग जहां महंगे दामों से परेशान हैं, तो लगाने वाले उचित कीमत न मिलने से आंसू बहा रहे हैं।

नई दिल्ली, 09 मार्च  2023 (यूटीएन)। प्याज इन दिनों खाने वाले और लगाने वाले किसान दोनों को रुला रहा है। खाने वाले लोग जहां महंगे दामों से परेशान हैं, तो लगाने वाले उचित कीमत न मिलने से आंसू बहा रहे हैं। वैश्विक बाजारों में प्याज के दाम सातवें आसमान पर हैं। फिलीपींस, पाकिस्तान, अमेरिका, ताइवान, जापान, कनाडा, सिंगापुर में प्याज की कीमतें बहुत तेज हैं। जबकि भारत में इसकी स्थिति बिल्कुल उलट नजर आ रही है। भारत में किसानों को प्याज औने पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्राकृतिक आपदा, ग्लोबल फूड क्राइसिस, रुस-यूक्रेन वॉर जैसे कई कारकों के कारण प्याज की ग्लोबल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान में बाढ़, यूरोपीय देशों में सूखे के कारण प्याज की फसल प्रभावित हुई है, जिसके कारण इसकी कीमत में तेजी आई है। प्याज के सबसे बड़े निर्यातक देश नीदरलैंड पर भी सूखे के कारण असर पड़ा है।
जबकि प्याज की पैदावार करने वाले उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान में पाले के कारण फसल बर्बाद हुई है। इसके अलावा यूक्रेन युद्ध के कारण प्याज की कीमत पर असर पड़ा है। इन सब कारणों से वैश्विक बाजारों में प्याज की कीमतों पर असर पड़ा है। कई देश जो प्याज की ऊंची कीमत से परेशान हैं, तो वहीं भारत में प्याज कौड़ियों के भाव में बिक रही है। भारत में रबी सीजन की आवक से पहले ही प्याज के भाव तेजी से गिर रहे हैं। रबी सीजन की कुल प्याज उत्पादन में हिस्सेदारी 60 से 65 फीसदी मानी जाती है। इस समय मंडियों में ज्यादातर प्याज लेट खरीफ सीजन की आ रहा है। मार्च-अप्रैल के महीने से रबी सीजन वाले प्याज की आवक जोर पकड़ने से प्याज के दाम और गिर सकते हैं। क्योंकि इस साल भी देश में प्याज की बंपर पैदावार होने की संभावना है। सीजन के शुरुआत में आई इस तेज गिरावट से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें फसल की लागत निकालना दूभर हो गया है।
*पिछले वर्ष की तुलना में प्याज के भाव आधे से भी कम, मंडियों के ये हैं हाल*
देशभर की मंडियों में प्याज के दाम तेजी से गिर रहे हैं। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की प्रमुख मंडी पिंपलगांव में प्याज के भाव 300—1,500 रुपये से घटकर 300—1,050 रुपये क्विंटल रह गए हैं। प्याज की मॉडल की कीमत 1,150 रुपये से घटकर 590 रुपये क्विंटल रह गई है। 80 फीसदी से ज्यादा बिक्री मॉडल कीमत पर ही होती है। साल भर पहले महाराष्ट्र की पिंपलगांव मंडी में प्याज 400 से 2,450 रुपये किलो बिक रहा था। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज के भाव 500—1,875 रुपये से घटकर 500—1,500 रुपये, जबकि इसकी मॉडल कीमत 1,350 रुपये से घटकर 1,090 रुपये क्विंटल रह गई है। आजादपुर मंडी में एक साल के दौरान प्याज के भाव 1,250—3,250 रुपये से घटकर 500 से 1,500 रुपये क्विंटल रह गए हैं। मार्च-अप्रैल में रबी सीजन वाले प्याज की आवक बाजार में बढ़ेगी। ऐसे में प्याज के भाव और गिर सकते हैं। जिससे पिछले साल भी घाटा झेल चुके प्याज किसानों की परेशानी और बढ़ जाएगी। लेट खरीफ सीजन में प्याज की पैदावार 20 से 25 फीसदी ज्यादा हुई है।
रबी सीजन में भी प्याज की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है।  केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, देश भर में इस समय प्याज की औसत खुदरा कीमत 22.66 रुपये किलोग्राम है, जो पिछले साल की औसत खुदरा कीमत से 34.99 रुपये करीब 35 फीसदी कम है। फरवरी माह में प्याज के औसत खुदरा मूल्य में करीब 16 फीसदी गिरावट आई है। इस माह दिल्ली में खुदरा मूल्य 30 रुपये से घटकर 27 रुपये और मुंबई में 31 रुपये से घटकर 26 रुपये किलो रह गए हैं। साल भर पहले दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज 38 रुपये और मुंबई में 40 रुपये किलो बिक रहा था। इस वित्त वर्ष में अब तक 15.19 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका है। जबकि पिछले साल 15.38 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। भारत अपने प्याज की पैदावार का 10 से 15 फीसदी  निर्यात करता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात सबसे ज्यादा प्याज की पैदावार करता है। महाराष्ट्र के प्याज की गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में बड़े पैमाने में बिक्री होती हैं, लेकिन इस बार इन सभी राज्यों में प्याज की अच्छी फसल हुई है, जिसके कारण प्याज की कीमतें गिर रही है। पिछले साल देश में करीब 317 लाख टन रिकॉर्ड प्याज का उत्पादन हुआ था।
*लगातार गिर रहे है प्याज के दाम, इसलिए परेशान हैं किसान*
भारत के कई राज्यों में किसान एक से दो रुपये प्रति किलो में प्याज बेचने को मजबूर हैं। दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज की कीमत 8-10 रुपये प्रति किलो बिक रही है। किसानों को प्याज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। लगातार प्याज के दाम तेजी से गिरने के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनकी उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रही है। अमर उजाला से चर्चा में आजादपुर मंडी प्याज का व्यवसाय करने वाले दुकानदारों का कहना है कि रबी सीजन की आवक से पहले ही प्याज की गिरती कीमतों ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। लेट खरीफ सीजन की आवक के दबाव में ही प्याज के दाम इतने गिर चुके हैं कि किसानों की लागत नहीं निकल रही है। किसानों को मंडी में 3 से 10 रुपये किलो कीमत मिल रही है, जबकि उत्पादन लागत ही 10 रुपये किलो से अधिक है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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