नई दिल्ली, 01 अप्रैल 2023 (यूटीएन)। स्वाति
मालीवाल ने कहा कि तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 12 राज्यों ने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बना लिया है. ऐसे में अब दिल्ली को पीछे नहीं रहना चाहिए. दिल्ली में रहने वाले ट्रांसजेंडरों की स्थिति में सुधार के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के गठन की सिफारिश की है. उन्होंने लिखा कि ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की अधिसूचना में तेजी लाई जाए.
जिससे दिल्ली में रहने वाले ट्रांसजेंडर के
कल्याण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग सही कदम उठा सके. दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक, भारत सरकार ने 2019 में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम और 2020 में केंद्रीय नियम पारित किए थे. हालांकि, दिल्ली में इन नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना बाकी है. स्वाति मालीवाल ने अपनी चिट्ठी में गृह मंत्रालय को बताया कि
तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 12 राज्यों ने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बना लिया है. ऐसे में अब दिल्ली को पीछे नहीं रहना चाहिए.
*गृह मंत्रालय से की यह सिफारिश*
उन्होंने लिखा, “दिल्ली सरकार ने एक
नोटिस के जवाब में उन्हें सूचित किया है कि अनुमोदित मसौदा नियम गृह मंत्रालय से अधिसूचना के लिए लंबित है. दिल्ली सरकार ने आयोग को यह भी सूचित किया है कि राज्य ने एक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है और यह अधिसूचना के लिए गृह मंत्रालय के पास लंबित है.” मालीवाल ने गृह मंत्रालय से नियमों और ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की अधिसूचना में तेजी लाने की सिफारिश की है.
*दिल्ली सरकार को दिए ये निर्देश*
दिल्ली महिला आयोग ने जानकारी दी कि दिल्ली
सरकार ने ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए कोई योजना लागू नहीं की है. आयोग ने दिल्ली सरकार को भी इस संबंध में तुरंत योजनाएं बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही उन ट्रांसजेंडरों के लिए आश्रय गृह स्थापित करने को कहा है, जिन्हें राज्य की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है. स्वाति
मालीवाल ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार ने आयोग को सूचित किया है कि वह ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए कोई योजना या आश्रय गृह नहीं चला रही है. इसे तुरंत ठीक करने की जरूरत है.”
*ट्रांसजेंडरों के नहीं बनते पहचान पत्र*
डीसीडब्ल्यू ने
ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र जारी करने के संबंध में कई खामियों की पहचान की. आयोग ने इस मुद्दे पर सभी जिलाधिकारियों को नोटिस जारी किया था और पाया कि पिछले 3 वर्षों में दिल्ली में ट्रांसजेंडरों को केवल 76 पहचान पत्र जारी किए गए हैं. जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में 4,213 ट्रांसजेंडर थे.
आयोग ने कहा कि अधिकांश जिलों में ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र के लिए बहुत कम आवेदन प्राप्त हुए हैं. उदाहरण के लिए बताया कि शाहदरा जिले को पिछले 3 वर्षों में केवल 4 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |