नई दिल्ली, 06 मार्च 2025 (यूटीएन)। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में एमएसएमई की संख्या आज बढ़कर 6 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है. इसी के साथ करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं. पीएम मोदी ने पोस्ट-बजट वेबिनार के मंच से सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 2020 में हमने एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन किया. यह 14 साल बाद किया गया. इससे यह डर दूर हो गया कि बढ़ते कारोबार से सरकारी लाभ खत्म हो जाएंगे. एमएसएमई को निरंतर आगे बढ़ते रहने का आत्मविश्वास मिले, इसके लिए इस बजट में एमएसएमई की परिभाषा का विस्तार किया गया है. उन्होंने लोन वितरण के लिए नए तरीके अपनाने की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि नए तरीकों के साथ एमएसएमई को कम लागत और समय पर लोन मिलना सुनिश्चित हो सकेगा. उन्होंने उद्योगों को एमएसएमई को सहयोग देने के क्रम में मेंबरशिप कार्यक्रम शुरू करने को कहा. बजट में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया था. उन्होंने कहा, पीएल आई योजना का लाभ मिल रहा है. इस योजना के तहत 7.5 करोड़ यूनिट को मंजूरी दी गई है. इससे देश में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है और 13 लाख करोड़ से ज्यादा का उत्पादन हुआ है.
इसी के साथ 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात हुआ है.मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया का हर देश, भारत के साथ अपनी इकोनॉमिक भागीदारी को मजबूत करना चाहता है. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से इस पार्टनरशिप का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आगे आने का आग्रह किया. उन्होंने भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा में रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) के अहम योगदान को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इसे आगे बढ़ाने और गति देने की जरूरत है. उन्होंने सुझाव दिया कि आरएंडडी से हम इनोवेटिव प्रोडक्ट्स पर फोकस कर सकते हैं और साथ ही प्रोडक्ट्स में वैल्यू एडिशन कर सकते हैं.
विशेष संवाददाता (मानव नगर)।