Saturday, May 10, 2025

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भारत-पाक तनाव से खेकड़ा के हैंडलूम उद्यमी चिंतित ,युद्ध के हालात में निर्यात पर असर की आशंका

ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, इटली और सऊदी अरब जैसे देशों को यहां से कपड़ा भेजा जाता है, यह निर्यात समुद्री मार्ग से कंटेनरों में लादकर किया जाता है।

खेकड़ा,09 मई 2025 (यूटीएन)। भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर खेकड़ा कस्बे के पावरलूम और हैंडलूम उद्यमी पैनी नजर रखे हुए हैं। उद्यमियों का कहना है कि यदि हालात युद्ध की ओर बढ़ते हैं, तो इसका सीधा असर उनके उत्पादों के निर्यात पर पड़ सकता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
खेकड़ा कस्बा पावरलूम और हैंडलूम उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां की फैक्ट्रियों में तैयार होने वाला वस्त्र पूरी तरह निर्यात के लिए होता है। ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, इटली और सऊदी अरब जैसे देशों को यहां से कपड़ा भेजा जाता है। यह निर्यात समुद्री मार्ग से कंटेनरों में लादकर किया जाता है।
स्थानीय उद्यमी मुकेश गुप्ता, सुरेश अग्रवाल और संजय सिंघल ने बताया कि, अभी तक भारत-पाक तनाव का निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन यदि युद्ध जैसी स्थिति और बढ़ी, तो समुद्री मार्ग भी प्रभावित हो सकता है। बंदरगाहों पर सुरक्षा कारणों से लदान प्रक्रिया धीमी हो सकती है और जहाजों की आवाजाही में बाधा आ सकती है।
उद्यमियों ने यह भी आशंका जताई कि यदि समय पर निर्यात न हो सका, तो उन्हें भारी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ सकती है। उनका कहना है कि सरकार को समय रहते व्यापारिक गतिविधियों को संरक्षित रखने की रणनीति बनानी चाहिए ताकि संकट की स्थिति में उद्योग को न्यूनतम नुकसान हो।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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भारत-पाक तनाव से खेकड़ा के हैंडलूम उद्यमी चिंतित ,युद्ध के हालात में निर्यात पर असर की आशंका

ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, इटली और सऊदी अरब जैसे देशों को यहां से कपड़ा भेजा जाता है, यह निर्यात समुद्री मार्ग से कंटेनरों में लादकर किया जाता है।

खेकड़ा,09 मई 2025 (यूटीएन)। भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर खेकड़ा कस्बे के पावरलूम और हैंडलूम उद्यमी पैनी नजर रखे हुए हैं। उद्यमियों का कहना है कि यदि हालात युद्ध की ओर बढ़ते हैं, तो इसका सीधा असर उनके उत्पादों के निर्यात पर पड़ सकता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
खेकड़ा कस्बा पावरलूम और हैंडलूम उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां की फैक्ट्रियों में तैयार होने वाला वस्त्र पूरी तरह निर्यात के लिए होता है। ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, इटली और सऊदी अरब जैसे देशों को यहां से कपड़ा भेजा जाता है। यह निर्यात समुद्री मार्ग से कंटेनरों में लादकर किया जाता है।
स्थानीय उद्यमी मुकेश गुप्ता, सुरेश अग्रवाल और संजय सिंघल ने बताया कि, अभी तक भारत-पाक तनाव का निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन यदि युद्ध जैसी स्थिति और बढ़ी, तो समुद्री मार्ग भी प्रभावित हो सकता है। बंदरगाहों पर सुरक्षा कारणों से लदान प्रक्रिया धीमी हो सकती है और जहाजों की आवाजाही में बाधा आ सकती है।
उद्यमियों ने यह भी आशंका जताई कि यदि समय पर निर्यात न हो सका, तो उन्हें भारी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ सकती है। उनका कहना है कि सरकार को समय रहते व्यापारिक गतिविधियों को संरक्षित रखने की रणनीति बनानी चाहिए ताकि संकट की स्थिति में उद्योग को न्यूनतम नुकसान हो।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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