दमिश्क- राइटर, 07 मार्च 2025 (यूटीएन)। सीरिया में एक बार फिर से हिंसक झड़पें शुरू हो गई हैं। पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों और अंतरिम राष्ट्रपति अबू मोहम्मद अल जुलानी सरकार के HTS सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई है। इसमें 48 लोगों की जान अब तक जा चुकी है। बीते साल दिसंबर में बशर अल असद को सत्ता से हटाए के समय हुए बवाल के बाद बाद ये सबसे भीषण हिंसक झड़प है। प्रांत के जबलेह शहर और आसपास के गांवों में सुरक्षाबलों और असद समर्थकों के बीच संघर्ष हुआ है। न्यू अरब की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया में भड़की हिंसा में जिन 48 लोगों की जान गई है, उनमें जुलानी सरकार के 16 सुरक्षाकर्मी हैं।
वहीं 28 असद समर्थक लड़ाके मारे गए हैं, जबकि चार आम नागरिकों की भी जान गई है। ये संघर्ष इस हफ्ते तब शुरू हुआ, जब कुछ छिटपुट घटनाओं के बाद असद समर्थकों ने सुरक्षा चौकियों पर हमला किया। इसमें 16 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में हेलीकॉप्टर और तोपों से असद समर्थकों पर हमले किए। कई इलाकों में लगा कर्फ्यू हिंसा के बाद टार्टस और होम्स जैसे इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन इलाकों में अलावा समुदाय की संख्या काफी ज्यादा है। इसी समुदाय से बशर अल असद भी आते हैं। बीदमिश्क पर कब्जा करते हुए असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
इसके बाद से नई सरकार असद समर्थकों के खिलाफ अभियान चला रही है। इससे लगातार एक तनाव बना हुआ है। सीरिया में लंबे समय से गृहयुद्ध जैसे हालात हैं और कई सशस्त्र गुट यहां मौजूद है। मौजूदा जुलानी सरकार लगातार अपना नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश में है, लेकिन उसके लिए मुश्किल आ रही है। प्रांत असद का गढ़ रहा है और वहां अल्वी समुदाय की बड़ी आबादी है। ऐसे में यहां सुरक्षाबलों और असद समर्थकों के बीच हिंसक घटनाएं लगातार सामने आई हैं। कई गांवों पर दूसरे भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें आम लोगों के भी निशान बनने की बात सामने आई है। सीरिया में हिंसा की नई लहर पर मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है।