नई दिल्ली, 29 जून 2025 (यूटीएन)। हनुमान चालीसा न सिर्फ एक धार्मिक स्तोत्र है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त करने वाली एक शक्तिशाली चालीसा भी है। इसका नियमित पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है, आत्मबल मिलता है, सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है और दिल और दिमाग को मजबूत करने में भी मदद मिलती है। धार्मिक मान्यता के बाद अब विज्ञान भी इस बात को अपने शोध के आधार पर मानने लगा है. इसके सम्बन्ध में अनेकों प्रयोग भी किये गये हैं।
यह बात यहां कनाट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने अपने उद्बोधन के दौरान कही। महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि हनुमान चालीसा पर की गई एक रिसर्च के अनुसार, जब आप हनुमान चालीसा में लिखे गए रामदूत अतुलित बल धामा जैसे मंत्रों का नियमित रूप से उच्चारण करते हैं, तो इनकी ध्वनि कंपन शरीर में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) को कम करती है और सेरोटोनिन-डोपामिन जैसे हार्मोन को बढ़ाती है। इससे शांति तंत्र पैरासिम्पैथेटिक सिस्टम एक्टिव होता है। जनरल ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन की रिसर्च के अनुसार, हनुमान चालीसा पढ़ने से स्ट्रेस कम होता है,
सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, नाड़ी दर में कमी से स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होता है। उन्होंने बताया कि दरअसल, हनुमान चालीसा में लगभग 40 छंद है, जिनमें से अधिकतर अनुष्टुप में रचे गए हैं, यानी कि लयबद्ध रिपिटेटिव और मेडिटेटिव है। यह छंद बीटा वेब से अल्फाबेट तक ब्रेन फ्रीक्वेंसी शिफ्ट करते हैं, जो एकाग्रता और शांति का अनुभव करवाते हैं। महंत शर्मा ने बताया कि जनरल ऑफ इवोल्यूशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल साइंसेज में हनुमान चालीसा पर एक रिसर्च की गई, जिसमें 18 से 22 साल के 20 मेडिकल स्टूडेंट रोज 10 मिनट तक हनुमान चालीसा सुनते थे।
इससे उनके ब्लड प्रेशर में कमी देखी गई। रिसर्च में पाया गया कि रोज 10 मिनट तक हनुमान चालीसा का पाठ करने से हार्ट रेट कम होना, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, नींद में सुधार, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और एंजाइटी में भी राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक है,कुछ अन्य अध्ययनों से भी अध्ययनों से पता चला है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से हृदय गति कम हो सकती है, रक्तचाप नियंत्रित हो सकता है, और नींद में सुधार हो सकता हैहनुमान चालीसा सिर्फ पूजा पाठ का हिस्सा नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आत्म बल और इमोशनल बैलेंस करने में भी मदद करता है।
इसे पढ़ने से आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ती है। तनाव और चिंता कम होती है और बजरंगबली की विशेष कृपा भी मिलती है। महंत सुरेश शर्मा ने हनुमान चालीसा से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हुए विस्तार से बताया कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। हनुमान चालीसा का पाठ व्यक्ति में आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाता है। हनुमान चालीसा का पाठ शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से जीवन में संकट नहीं आते हैं।
व्यक्ति अनावश्यक कलेश और बीमारी परेशानियों के अलावा सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से बच जाता है. कलयुग में हनुमान जी सबसे सिद्ध और अमर देवता माने गये हैं. इनकी कृपा से ही इंसान को राम कृपा प्राप्त होती है।
महंत जी बताते हैं कि हनुमान चालीसा को यौगिक ब्रीदिंग माना जा सकता है। अगर इसे ठीक से जपा जाए तो वाकई में डर दूर होते हैं। इस मंत्र को पढ़ने का असर लिम्बिक सिस्टम पर पड़ता है और एंग्जाइटी कम होती है। इसे कई क्लीनिकल ट्रायल में चेक किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बताया कि जिस तरह से हनुमान चालीसा बना है कि जब आप इसे बोलते हैं तो सांस अंदर और बाहर जाती है।
उदाहरण के लिए ‘जय हनुमान ज्ञान गुण सागर’ बोलने पर सांस अंदर जाती है और जब बोलते हैं, ‘जय कपीस तिहु लोक उजागर’ तो सांस रुकती है। जब ‘रामदूत अतुलित बलधामा’ बोलने पर सांस बाहर जाती है। ‘अंजनि पुत्र पवनसुत नामा’ बोलने पर होल्ड होने के साथ सांस बाहर जाती है। यह प्रक्रिया हार्ट रेट वैरिएबिलिटी को प्रभावित करते है। महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि हनुमान चालीसा वेगस नर्व सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इससे आपके शरीर के कई फंक्शंस जैसे डाइजेशन वगैरह ठीक रहते हैं और स्ट्रेस कम होता है। जब आप हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो आपकी बॉडी के कई फंक्शंस अपने आप ठीक होते हैं।
उन्होंने बताया कि बताया कि अगर आप जल्दी-जल्दी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो फायदा नहीं मिलेगा। इसे पढ़ते वक्त दिमाग शांत रखें और सांस पर फोकस रखें। महंत शर्मा ने बताया कि एक एक्सपेरिमेंट करके देखा। इसमें मंत्र पढ़ने के पहले और बाद हार्ट रेट वैरिएशन में फर्क चेक किया गया, जिसमें सुधार दिखा। इतना ही नहीं हनुमान चालीसा सुनने से भी दिल और दिमाग पर पॉजिटिव असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि बताया कि कई एक्सपेरिमेंट्स और ट्रायल्स हो चुके हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि यौगिक ब्रीदिंग से उम्र लंबी होती है। हनुमान चालीसा इसे करने का आसान तरीका है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।