Sunday, June 29, 2025

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस में मिला सर्वोच्‍च नागरिक सम्मान

23 वर्षों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के राष्ट्रपति, निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया है.

नई दिल्ली, 16 जून 2025 (यूटीएन)। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस ने अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा है. 23 वर्षों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के राष्ट्रपति, निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया है. पीएम मोदी रविवार को इस भूमध्यसागरीय द्वीप देश पहुंचे हैं जहां राष्ट्रपति निकोस ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मान मिलने के बाद कहा, “राष्ट्रपति, ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III के लिए, मैं आपका, साइप्रस सरकार और साइप्रस के लोगों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं. यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है. यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा का सम्मान है.
मैं इसे भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों, हमारे साझा मूल्यों और आपसी समझ के लिए समर्पित करता हूं… सभी भारतीयों की ओर से, मैं इस सम्मान को बहुत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं. यह पुरस्कार शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में एक व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया
और व्यापार, निवेश एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें ‘‘विकास की अपार संभावनाएं” हैं. अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सीमा पार लेनदेन के लिए साइप्रस में यूपीआई सेवाएं शुरू करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि यूपीआई की वजह से दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं.
उन्होंने कहा कि यह यूरोप और ‘गिफ्ट सिटी इंडिया’ के बीच अपनी तरह की पहली व्यवस्था है और इससे गिफ्ट सिटी, साइप्रस और यूरोप के निवेशकों को लाभ होगा. बैठक से पहले ‘एक्स’ पर एक वीडियो मैसेज में जायसवाल ने कहा कि मंच में ‘‘स्टार्टअप, नवाचार, डिजिटल भुगतान, नौवहन, जहाज निर्माण, बंदरगाहों आदि जैसे नए क्षेत्रों में भारत-साइप्रस व्यापार साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों के बारे में विचारों की पहचान की जाएगी, उन पर बातचीत की जाएगी और चर्चा की जाएगी.”
*भारत के साथ लगातार खड़ा रहा है साइप्रस*
साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स द्वारा लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर औपचारिक सम्मान के साथ स्वागत किए जाने से इस यात्रा ने भारत-साइप्रस संबंधों में नई गति का संकेत दिया, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में गहन सहयोग के लिए प्रतिबद्धता जताई. साइप्रस में भारतीय प्रवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का स्वागत “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों के साथ किया. भारत की आंतरिक नीतियों की तुर्की द्वारा हाल ही में की गई आलोचना के विपरीत, साइप्रस एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उभरा है, जिसने संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भारत की आकांक्षाओं की वकालत की है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस में मिला सर्वोच्‍च नागरिक सम्मान

23 वर्षों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के राष्ट्रपति, निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया है.

नई दिल्ली, 16 जून 2025 (यूटीएन)। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस ने अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा है. 23 वर्षों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के राष्ट्रपति, निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया है. पीएम मोदी रविवार को इस भूमध्यसागरीय द्वीप देश पहुंचे हैं जहां राष्ट्रपति निकोस ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मान मिलने के बाद कहा, “राष्ट्रपति, ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III के लिए, मैं आपका, साइप्रस सरकार और साइप्रस के लोगों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं. यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है. यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा का सम्मान है.
मैं इसे भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों, हमारे साझा मूल्यों और आपसी समझ के लिए समर्पित करता हूं… सभी भारतीयों की ओर से, मैं इस सम्मान को बहुत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं. यह पुरस्कार शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में एक व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया
और व्यापार, निवेश एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें ‘‘विकास की अपार संभावनाएं” हैं. अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सीमा पार लेनदेन के लिए साइप्रस में यूपीआई सेवाएं शुरू करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि यूपीआई की वजह से दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं.
उन्होंने कहा कि यह यूरोप और ‘गिफ्ट सिटी इंडिया’ के बीच अपनी तरह की पहली व्यवस्था है और इससे गिफ्ट सिटी, साइप्रस और यूरोप के निवेशकों को लाभ होगा. बैठक से पहले ‘एक्स’ पर एक वीडियो मैसेज में जायसवाल ने कहा कि मंच में ‘‘स्टार्टअप, नवाचार, डिजिटल भुगतान, नौवहन, जहाज निर्माण, बंदरगाहों आदि जैसे नए क्षेत्रों में भारत-साइप्रस व्यापार साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों के बारे में विचारों की पहचान की जाएगी, उन पर बातचीत की जाएगी और चर्चा की जाएगी.”
*भारत के साथ लगातार खड़ा रहा है साइप्रस*
साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स द्वारा लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर औपचारिक सम्मान के साथ स्वागत किए जाने से इस यात्रा ने भारत-साइप्रस संबंधों में नई गति का संकेत दिया, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में गहन सहयोग के लिए प्रतिबद्धता जताई. साइप्रस में भारतीय प्रवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का स्वागत “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों के साथ किया. भारत की आंतरिक नीतियों की तुर्की द्वारा हाल ही में की गई आलोचना के विपरीत, साइप्रस एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उभरा है, जिसने संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भारत की आकांक्षाओं की वकालत की है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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